Chhattisgarh
*नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक जशपुर युद्धवीर के अंत्येष्टि संस्कार में होंगे शामिल, कल 21 सितम्बर को अपने निवास से होंगे रवाना……..*
Published
3 years agoon
By
Rakesh Gupta
जशपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक पूर्व संसदीय सचिव व पूर्व विधायक चंद्रपुर स्व. युद्धवीर सिंह जुदेव के अंत्योष्ठी कार्यक्रम में शामिल होने जशपुर पहुंचेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 21 सितम्बर को प्रातः 10 बजे परसदा स्थित निवास से जशपुर के लिए रवाना होंगे। दोपहर 01ः30 बजे रायगढ़ पहुंचेंगे। उसके उपरांत कुनकुरी होते हुए जशपुर पहुंचेंगे एवं स्व. युध्दवीर सिंह जुदेव के अंत्योष्ठी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र, प्रदेश के पूर्व संसदीय सचिव युद्धवीर सिंह जूदेव छोटू बाबा का सोमवार सुबह बेंगलोर में निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा उनके निवास स्थल विजय विहार पैलेश जशपुर से मुक्ति धाम के लिए बुधवार दिनाँक 22 सितम्बर को दिन के 11 बजे निकलेगी। परिवार में आई इस विपदा से श्रीमती माधवी सिंह जूदेव, प्रबल प्रताप सिंह जूदेव,
कुमार शौर्य प्रताप सिंह जूदेव सहित सभी ने यह जानकारी दी है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के तेजतर्रार और बेबाकी के लिए बहुचर्चित नेतृत्व युद्धवीर सिंह जूदेव नहीं रहे। युद्धवीर सिंह जूदेव का दुखद निधन हो गया। वे कुछ दिनों से लीवर की समस्या को लेकर परेशान थे और उनका इलाज चल रहा था। आखरी समय में उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था लेकिन उन्हें बचाने में चिकित्सक सफल नहीं रहे। अंततः युद्धवीर सिंह जूदेव जिंदगी की जंग हार गए। युद्धवीर सिंह जूदेव के निधन की खबर से लोग सदमे में हैं। युद्धवीर सिंह जूदेव बेबाक बोल के लिए विपक्ष में रहते हुए भी चर्चित रहे। वहीं सत्ता में कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए भी अपने राजनीतिक जीवन में विशिष्ट पहचान स्थापित की थी। बहुत ही कम उम्र में जिला पंचायत उपाध्यक्ष से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी, जिसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद दो बार चंद्रपुर से भाजपा के टिकिट पर दो बार विधायक रहे और संसदीय सचिव पहले विधायक कार्यकाल में और दूसरे विधायक काल मे बेवरेज कारपोरेशन के अध्यक्ष रहे। इसके बाद विपक्ष में रहते हुए भी दमदारी से हर एक मुद्दे पर वे बोलते रहे।
अपने जीवन के अंतिम समय में अस्वस्थ रहते हुए भी उन्होंने भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों को लेकर मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से आवाज उठाते रहे।युद्धवीर सिंह के लिए निधन से छत्तीसगढ़ की राजनीतिक समीकरणों में खासा प्रभाव पड़ेगा। वह एक ऐसे नेता थे जो हर एक बड़े निर्णय में बिना किसी के सहारे बेबाकी से आगे बढ़ते रहे और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
जीवन के आखिरी पड़ाव में उन्होंने बहुजन हिंदू परिषद की कमान संभाली और हिंदुत्व के लिए जहां बेबाकी से बोलते रहे वहीं भ्रष्टाचार तथा शासन प्रशासन की अनियमितताओं को लेकर तथा राज्य की ज्वलन्त समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद करते रहे, जिसके बाद अल्पायु में ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।