जशपुरनगर। जशपुर जैन समाज के लिए यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि तीर्थाधिराज सम्मेद शिखरजी (झारखंड) के मार्ग पर स्थित होने के कारण यहां जैन मुनियों का निरंतर आगमन होता रहता है। इसी क्रम में परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य निर्यापक मुनि श्री समता सागर जी एवं मुनि श्री पवित्र सागर जी महाराज ससंघ का चंद्रगिरि डोंगरगढ़ से सम्मेद शिखरजी की ओर पदविहार जारी है।
शुक्रवार को मुनि संघ का जशपुर की पुण्यभूमि पर मंगलमय प्रवेश हुआ। उनके स्वागत के लिए समाज में अपार उत्साह देखा गया। विशेष रूप से स्थानीय पारंपरिक नृत्य दल द्वारा भव्य और सांस्कृतिक स्वागत किया गया, जिसने वातावरण को और भी आध्यात्मिक और उत्सवमय बना दिया।
श्रद्धालुओं ने पखारे मुनिराजों के चरण
मुनिराजों के दर्शन हेतु श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जैन समाज द्वारा मुनि संघ के यहां विराजमान रहने तक विविध धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने की तैयारियां जोरों पर है।प्रतिदिन प्रातः मंगल प्रवचन एवं सायंकाल में गुरु भक्ति तथा आरती होगी।इसी कड़ी में रविवार को मंदिर परिसर में शान्तिविधान का आयोजन भी किया जाएगा।
शुक्रवार को दमेरा से जशपुर जैन मंदिर के लिए मुनि संघ का विहार प्रारंभ हुआ। इस दौरान रास्ते मे जैन समाज के लोगो ने अपने घरों के सामने मुनिराजों के चरण पखार कर उनका आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर जैन समाज के वरिष्ठ जन, युवा वर्ग और महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं। मुनि संघ का आगमन जशपुर के लिए एक पुण्य अवसर बन गया है।