जशपुरनगर 19 नवम्बर 2025/ कलेक्टर श्री रोहित व्यास के निर्देशानुसार जिले में अवैध धान के परिवहन एवं भंडारण पर रोक लगाने जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। राजस्व, खाद्य एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा तीन अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई करते हुए करीब 2220 बोरी धान जब्त किया गया है। सभी मामलों में विधिसम्मत कार्यवाही प्रारम्भ की गई है।
*एसडीएम पत्थलगांव की निगरानी में अवैध भंडारित 1400 बोरी धान जब्त* –
एसडीएम पत्थलगांव के नेतृत्व में राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की। टीम ने काडरो एवं मुड़ाबाहला के आसपास के सात अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में पाया गया कि पुराने धान को अवैध बिक्री की मंशा से डंप एवं संचित किया गया था। मौके पर लगभग 1400 बोरी धान जब्त कर राजस्व विभाग को सुपुर्द किया गया है।
*संयुक्त टीम ने लोदाम बैरियर में पकड़ा 700 बोरी धान से भरा ट्रक* –
साईटांगरटोली बैरियर लोदाम में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, फूड इंस्पेक्टर एवं उड़नदस्ता टीम द्वारा ट्रक क्रमांक एपी 16 टीजे 0799 को रोककर जांच की गई। ट्रक में लगभग 700 बोरी धान लोड था। वाहन चालक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज संदिग्ध पाए जाने पर वाहन एवं धान को तत्काल जब्त करते हुए लोदाम थाना के सुपुर्द किया गया। फूड इंस्पेक्टर को नियमानुसार आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
*बिना वैध दस्तावेज के परिवहन कर रहे 120 बोरी धान को जब्त किया गया* –
इसी दौरान साईटांगरटोली बैरियर लोदाम में ही संयुक्त टीम द्वारा एक अन्य वाहन क्रमांक जेएच 01 ईडब्लू 9268 को रोककर पूछताछ की गई। वाहन चालक ने धान गुमला से जशपुर की ओर ले जाने की जानकारी दी, परंतु उसके पास किसी भी प्रकार के वैध दस्तावेज नहीं थे। वाहन में लदे लगभग 120 बोरी धान सहित वाहन को जब्त कर लोदाम थाना में सुपुर्द किया गया। फूड इंस्पेक्टर को प्रकरण बनाने के निर्देश दिए गए।
*कलेक्टर की चेतावनी — अवैध धान परिवहन भंडारण वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई*
कलेक्टर श्री व्यास ने स्पष्ट किया है कि जिले में अवैध धान के परिवहन, भंडारण एवं बिक्री पर पूर्णतः प्रतिबंध है। ऐसे मामलों में संबंधित व्यक्तियों एवं वाहन मालिकों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने पंजीकृत किसानों से अपील की है कि वे अपना धान केवल अधिकृत समर्थन मूल्य धान खरीदी केंद्रों में ही विक्रय करें तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल जिला प्रशासन को दें।
