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नवरात्र के छठवें दिन : सिंगीबहार में 701 दीपों से जगमगाया पंडाल, पंडित डॉ. अजय शर्मा ने बताए 51 शक्ति पीठ और छत्तीसगढ़ महतारी के महत्व।

जशपुर : नवरात्र महापर्व के छठवें दिन सार्वजनिक दुर्गा पूजन समिति सिंगीबहार द्वारा भव्य सामूहिक दीप प्रज्वलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और सभी ने मिलकर 701 दीप प्रज्वलित कर माता रानी की आराधना की। दीपों की लौ से पूरा पंडाल दिव्य आलोक से जगमगा उठा और श्रद्धा-भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।

कार्यक्रम में प्रसिद्ध विद्वान पंडित डॉ. अजय शर्मा ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए 51 शक्ति पीठों की महिमा पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब माता सती ने अपने जीवन का त्याग किया तो उनके अंग-प्रत्यंग विभिन्न स्थानों पर गिरे और वहीं शक्ति पीठों की स्थापना हुई। आज भी ये शक्ति पीठ श्रद्धा और भक्ति का केंद्र हैं, जिनका दर्शन करने मात्र से साधक को आत्मिक शांति और शक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

डॉ. शर्मा ने नवरात्र के छठवें दिन की विशेषता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है, जिन्हें साहस, विजय और तेज की देवी माना जाता है। श्रद्धालु इस दिन मां की पूजा-अर्चना कर जीवन से सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करने की कामना करते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी की परंपरा और मातृशक्ति की आराधना की संस्कृति को समझाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती देवी संस्कृति की जननी रही है। यहां की हर परंपरा और हर उत्सव स्त्री शक्ति को सम्मान देने की प्रेरणा देता है।

सामूहिक दीप प्रज्वलन के दौरान भजन और जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। श्रद्धालुओं ने दीपक जलाकर माता रानी से सुख-समृद्धि, शांति और आरोग्य की प्रार्थना की।

इस आयोजन में समिति के पदाधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। 701 दीपों का सामूहिक दृश्य श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय स्मृति बन गया।

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