जशपुर – राष्ट्र और राष्ट्रवाद को अक्षरशः मानने वाले महात्मा गांधी जिनको सर्वाधिक प्रेरणा हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ गीता से मिली।जिन्होंने राष्ट्रवाद की ताकत के सहारे आज़ादी की लड़ाई का नेतृत्व किया और सभी राष्ट्रवादी शक्तियों को इकट्ठा कर स्वतंत्रता आंदोलन में सफलता पाई अगर वो ये कहते कि मैं राष्ट्र को तो मानता हूं पर राष्ट्रवाद को नहीं मानता तो क्या भारत का स्वतंत्रता आंदोलन सफल हुआ रहता और क्या अकेले गांधीजी के बदौलत अंग्रेजों ने भारत छोड़ा होता?
प्रबल ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि आप भी न कभी कभी बच्चों जैसी बातें करते हैं राहुल जी। आप अपनी माताश्री सोनिया गांधी जी से जरा कह कर देखिएगा कि मैं आपको तो मानता हूं पर परिवारवाद को नहीं मानता।सच कहता हूं वो आपको आपके जीवन की असलीयत समझा देंगी कि परिवारवाद के कारण कैसे आप आज कांग्रेसी राजनीति के केंद्रबिंदु बने हुए हैं।
प्रबल ने कहा राष्ट्रवाद एक ऐसी अवधारणा है जिसमें राष्ट्र सर्वोपरि होता है अर्थात राष्ट्र को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाती है। यह एक ऐसी विचारधारा है जो किसी भी देश के नागरिकों के साझा पहचान को बढ़ावा देती है,उसी तरह हिंदुत्ववाद भी एक ऐसी अवधारणा है जो भारतीय उप महाद्वीप में रहनेवालों की जीवनशैली को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है जिसका हिंदू सदियों से पालन एवं संरक्षण करते रहे हैं और यह उनका दायित्व भी है।अगर कोई व्यक्ति हिंदुओं की जीवनशैली अपनाए बगैर अपने को हिन्दू कहे तो यह वैसी ही बात हो जायेगी जैसे कोई भूख को तो मानता हो पर खाना खाने से परहेज रखता हो..उसे मरने से कौन रोक सकता है।
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने राहुल गांधी के लिए संदेश दिया है कि आपने बिलकुल सही कहा राहुल जी कि आप अपने को हिन्दू तो मानते हैं पर आप हिंदूवादी नहीं हैं आपने यह गलत कहां कहा।आपको जब भी ये लगता है कि आपको राजनीतिक फायदे के लिए हिंदू होना जरूरी है तो कुर्ते के ऊपर जनेऊ धारण करके आप मंदिर चले जाते हैं।परन्तु हिंदुत्व में आपकी आस्था थोड़े ही है।आपके इस स्वीकारीयता को साधुवाद है ।चलिए आपने भारतीय जनता को अपने चरित्र दर्शन करवाकर कृतार्थ कर दिया।आपको बहुत बहुत बधाई राहुल जी