जशपुरनगर। भगवान महावीर स्वामी के 2622 जन्म कल्याणक के पावन अवसर पर जैन अनुयायी राजेश जैन ने रक्तदान कर देश के समस्त युवाओं से अपील की है कि एनीमिया और सिकल सेल जैसी घातक बीमारियों से निजात पाने के लिए स्वस्थ व्यक्ति को नया जीवन प्रदान करने के लिए रक्तदान उत्कृष्ट दान है। भगवान महावीर स्वामी ने विश्व कल्याण के लिए संपूर्ण राजपाठ धन वैभव और विलासता का त्याग कर दिगम्बरत्त्व धारण कर सारे विश्व को जियो और जीने दो का संदेश दिया। महाकवि तुलसीदास जी ने भी ‘ परहित सरिस धर्म नहीं भाई,
पर पीड़ा सम नहिं अधमाई’ का संदेश दिया है। जशपुर के दूरस्थ वनांचल में निवासरत आज भी बहुत सारी महिलाएं, बच्चे उचित खानपान एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव में एनीमिया, सिकल सेल से पीड़ित हैं। उचित देखरेख एवं समय पर लोगो को रक्त न उलब्ध होने पर एक अमूल जीवन काल के ग्रास बन जाता है। हर युवा को यह जिम्मेदारी निभानी होगी।हमें अपने अंदर संवेदना का भाव रखना होगा। हमारे देश को हमें समृद्ध देश बनाना है, तो समृद्ध देश के लिए स्वस्थ समाज का होना नितांत आवश्यक है। हर धर्म और उनके अनुयायियों को उनके इष्ट महावीर, श्री राम, श्री कृष्ण, पैगम्बर, गुरुनानक, यीशु ने यही उपदेश दिया है कि मानव कल्याण के लिए स्वयं को समर्पित करना उत्कृष्ट जीवन की पहचान है। हर दीन- दुखी के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाए रखना इंसानियत का सर्वोच्च उदाहरण है।
स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष ने भी जन सेवा ही प्रभु सेवा है का संदेश संपूर्ण विश्व को दिया।
*नहीं होती घबराहट या कमजोरी*
रक्तदान करते समय किसी भी तरह की घबराहट या कमजोरी महसूस नहीं होती।यह एक सामान्य सी प्रक्रिया है। हर व्यक्ति को रक्तदान कर स्वस्थ राष्ट्र बनाने में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए,जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा रक्तदाता के लिए उचित खानपान एवं स्वल्पाहार की व्यवस्था की जाती है।स्टॉफ का व्यवहार बड़ा ही सौहार्द्रपूर्ण रहता है।
