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*मिट्टी की भी होती है अपनी सेहत, उसे पहचान कर किसान कैसे लें उन्नत खेती का लाभ, कृषि विज्ञान केन्द्र में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी ये जानकारियां, कृषि स्थाई समिति के सभापति सालिक साय ने कहा,,,, पढ़िए पूरी ख़बर…*
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1 year agoon
कांसाबेल। जिले के कृषि विज्ञान केंद्र डूमरबहार द्वारा 5 दिसम्बर को विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस कार्यक्रम केवीके कार्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यालय प्रमुख डॉ. राकेश भगत ने कृषि विज्ञान केन्द्र सभागार में विश्व मृदा दिवस पर मृदा स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। जिसमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड से सम्बंधित, रासायनिक खाद एवं जैविक खाद के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही जिले की मिट्टी के प्रकारों के हिसाब से एवं फसल प्रणाली, वैज्ञानिक खेती एवं मिट्टी नमूना संग्रहण एवं परीक्षण के बारे में बताया गया। प्रक्षेत्र में स्थापित विभिन्न प्रकार के इकाईयों के बारे में उपस्थित कृषकों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सालिक साय, कृषि स्थायी के समिति के सभापति उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि द्वारा जिले के कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र में संचालित होने वाली विभिन्न गतिविधियों एवं वैज्ञानिक तरीके से की जाने वाली खेती के बारे में जानकारी दिया गया। कार्यक्रम में सम्मिलित महिला समूहों के महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत संचालित होने वाली विभिन्न योजनाओं जैसे- झाडू बनाना, चिप्स बनाना, चटाई निर्माण के साथ-साथ आर्थिक जीवन सुदृढ़ करने के लिये शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दिया गया।
तत्पश्चात् कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक महेन्द्र पटेल द्वारा जैविक खेती के कारण मृदा पर प्रभाव एवं रासायनिक खाद के साथ संतुलित उर्वरक का उपयोग कर मृदा की उर्वराशक्ति के बारे में विस्तार से बताया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थित मिथुन चौधरी, कृषि विकास अधिकारी ने कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र के समस्त स्टाफ सहित कमलेश श्रीवास (बीपीएम), यंग प्रोफेशनल बलराम सोनवानी सहित जिले के 47 कृषक उपस्थित रहे।