Jashpur
*मिलनसार और सरल स्वभाव के धनी अजजा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष का जन्मदिन मनेगा धूमधाम से,जानिए कौन हैं ये जो जीवन संघर्षों को पार करते हुए पहुंच गए लोगों के दिलों में…*
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8 months agoon
जशपुर/कांसाबेल। किसी का जन्मदिन मनाना केवल जन्म का उत्सव मनाना नहीं होता, बल्कि उसके जीवन के बीते एक -एक पल को याद करने और उन पलों में से अपने लिए कुछ प्रेरणा निकालने का भी दिन होता है। ऐसे ही एक शक्सियत हैं
जिला पंचायत सदस्य जन सेवक सालिक साय। जिनका जन्मदिन 21अप्रेल को है । इस दिन कार्यकर्ता अपने चहेते नेता का जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस साल भी कार्यकर्ता उनके जन्मदिन का उत्सव मनाने के लिए तैयार हैं और उत्साहित हैं।
*परिवार की पृष्ठभूमि*
कांसाबेल के ग्राम पोंगरो में पुलिस विभाग में कार्यरत एक सिपाही जगबंधन साय और गृहिणी श्रीमती राजकुमारी देवी के घर 21 अप्रेल को एक जन सेवक का जन्म हुआ, जिसे लोग आज सालिक साय के नाम से जानते हैं और जिन्हें लोग प्यार से ( बबलू साय ) के नाम से भी जानते हैं। बचपन से ही सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता और लोगों के लिए मदद करने के स्वभाव की वजह से सालिक साय की पहचान एक लोकप्रिय आदिवासी जन सेवक नेता के रूप में होती है। जगबंधन साय और राजकुमारी साय के 2 पुत्री और एक पुत्र है बचपन मे ही सालिक साय के सिर से माँ राजकुमारी का साया उठ गया, जिसकी वजह से घर परिवार की सभी जवाबदारी सालिक साय के कंधों पर आ गई। बचपन मे ही माँ की ममता से वंचित सालिक साय को माँ के प्यार को दोनो बड़ी बहनों ने पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
वहीं सालिक साय शुरू से ही जूझारू प्रवृत्ति के रहे हैं। उन्हें दोनो बड़ी बहनों के साथ स्वयं की पढ़ाई लिखाई करने के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सालिक साय को शिक्षा दीक्षा दिलाने में बड़ी दीदी सुशीला साय और पूर्व जनपद सीईओ आर एच साय, बहन कौशल्या साय एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का अहम योगदान रहा । सालिक साय अपने स्वभाव के अनुरूप पान दुकान चलाने से लेकर ड्राइवरी तक के काम करने में कभी संकोच नहीं किया । बड़ी बहने सुशीला साय और कौशल्या साय की शादी कराने की जवाबदारी भी इन्हीं के कंधे पर थी। दोनो बड़ी बहनों की शादी अच्छे परिवार में किया। बड़ी बहन सुशीला साय जनपद पंचायत सीईओ की पत्नी, तो वही मझली बहन कौशल्या साय प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पत्नी है । वर्तमान में सालिक साय और उनकी पत्नी श्रीमती सबन्ति साय का 2 बेटी और 1 बेटा का एक परिवार है।
*पार्टी के प्रति समर्पण*
सालिक साय दो दशक से अधिक समय से लगातार भाजपा पार्टी की सेवा कर रहे हैं और नए सदस्यता विस्तार के लिए बूथ स्तर तक के छोटे कार्यकर्ता और नेताओं की बैठक लेकर भाजपा के लिए सतत नए सिपाही तैयार करने में लगे रहते हैं। विगत पंचवर्षीय कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी हमेशा अपने कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े होकर उनका मनोबल बढ़ाया है और विधानसभा में कांग्रेस के विधायक होने के बावजूद भाजपा को मजबूत करने के लिए सड़क पर उतरकर अनेक आंदोलन किये । सालिक साय की व्यापक लोकप्रियता और कुशल रणनीति की बदौलत दो दो बार कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता रामपुकार सिंह के इस अभेद किले को भेदने के लिए व्यूहरचना तैयार कर सीट को भाजपा की झोली में डाल दिया।
*छात्र राजनीति से भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष तक का सफर*
1994 : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से राजनीतिक जीवन की शुरूवात , 1996 : भारतीय जनता पार्टी प्राथमिक सदस्यता (स्व. दिलीप सिंह जूदेव विष्णुदेव साय के सानिध्य में राजनीतिक सफर की शुरूआत किया । 2000 : भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा सदस्य , 2002 – मंडल मंत्री (युवा मोर्चा), मंडल-कांसाबेल , 2005-2010 – अध्यक्ष-जनपद पंचायत कांसाबेल , 2006 – विशेष आमंत्रित सदस्य, प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चा , 2010-2015 : जनपद उपाध्यक्ष, जनपद पंचायत कांसाबेल , 2015-2020 : सदस्य, जनपद पंचायत-कांसाबेल एवं दोकड़ा मंडल प्रभारी व बुथ पालक-टांगरगांव , 2017 से 2019 से सदस्य, जिला कार्यसमिति जिला-जशपुर , मंडल अध्यक्ष भाजपा मंडल – कांसाबेल 2020 से : जिला पंचायत सदस्य व सभापति कृषि स्थायी समिति जिला पंचायत जशपुर 2021 से : जिला सह प्रभारी अनुसूचित जनजाति मोर्चा, जशपुर 2023 से : प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, छत्तीसगढ़ एवं चुनाव संचालक, विधानसभा पत्थलगांव
*सामाजिक जीवन की बड़ी जवाबदारी*
2006-2008 : सदस्यता प्रभारी (अखिल भारतीय कंवर समाज), 2008-2010 – सलाहकार समिति (अखिल भारतीय कंवर समाज) के पद पर रह कर समाज के प्रति अपनी सेवा दे रहे है ।
*कांग्रेस के अभेध किला को किया ध्वस्त*
सालिक साय अपने राजनितिक गुरु कुमार स्व दिलीप सिंह जूदेव और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सानिध्य में रहकर राजनैतिक गुर सीखे हैं। जूदेव परिवार और मुख्यमंत्री के करीबी होने विष्णु देव साय के चहेते होने के कारण पत्थलगांव विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गोमती साय के चुनाव संचालक की कमान देकर बड़ी जवाबदारी इन्हें सौपी। जिसे अपने कुशल और विशेष रणनीति तैयार कर पत्थलगांव के अजेय किले को जिताने में भी अहम भूमिका निभाई है। पत्थलगांव विधानसभा को कांग्रेस के जबड़े से छीनकर भाजपा की झोली में डालने वालों की सूची में सबसे पहला नाम सालिक साय का आता है, वे लगातार पिछले बीस वर्षों से एक सक्रिय जनप्रतिनिधि के रूप में क्षेत्र की देवतुल्य जनता की सेवा करते आ रहे हैं।