*केबिनेट मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया के जशपुर प्रवास के दौरान नियमितीकरण को लेकर संविदा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ ने सौंपा ज्ञापन…..………..*

 

जशपुरनगर। शुक्रवार को केबिनेट मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया के जशपुर जिले के प्रवास के दौरान संविदा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ ने नियमितीकरण को लेकर मांग करते हुए मुख्यमंत्री के नाम पर उन्हें ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन सौंपते हुए बताया की
हम 406 आयुष चिकित्सक विगत 14 से 18 वर्षों से राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत रिक्त पदों के विरूद्ध संविदा पर कार्यरत हैं । वर्तमान में हम सभी चिकित्सक विगत डेढ़ वर्ष से अपने जीवन को दांव पर लगाकर वैश्विक महामारी कोविड़ 19 से संघर्षरत हैं , इस संघर्ष में हमने अपने दो संविदा आयुष चिकित्सक डॉ . दीपेंद्र सिंह सिकरवार एवं डॉ . हरी सिंह विद्यार्थी को खो चूके हैं । सादर अवगत कराना चाहूंगा कि वर्ष 1984 में बस्तर संभाग में खूनी पेचिश की रोकथाम के लिए 17 आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवा तदर्थ रूप में राज्य सरकार द्वारा ली गई थी , जिन्हें मात्र तीन वर्ष पश्चात ही वर्ष 1987 में नियमित कर दिया गया था ( आदेश दिनांक 12/01/2006 संलग्न ) । इसी प्रकार राज्य सरकार ने रायपुर शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में कार्यरत 10 व्याख्याताओं को आदेश दिनांक 15/11/2011 से नियमित किया है ( संलग्न 2 ) । इसी प्रकार 16278 शिक्षा कर्मियों को मात्र दो वर्ष की सेवा के पश्चात राज्य सरकार द्वारा आदेश दिनांक 23/07/2020 से नियमित किया गया है ( संलग्न 3 ) परंतु हमारी 14 से 18 वर्षों की लंबी सेवा के बावजूद अभी तक हमको नियमित नहीं किया गया है , जबकि विगत डेढ़ वर्षों से हम अपने जीवन को दांव पर लगाकर सेवा दे रहे हैं , और चूंकि हम स्वीकृत रिक्त पदों के विरूद्ध कार्यरत है इसलिए हमको नियमित करने से राज्य सरकार पर कोई भी अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा । हिमांचल प्रदेश , कर्नाटक , उत्तराखंड और हरियाणा आदि प्रदेशों की राज्य सरकारों ने पहले ही संविदा आयुष चिकित्सकों को नियमित कर दिया है । इसके पूर्व भी संघ द्वारा चिकित्सकों के नियमितीकरण के लिए कई बार राज्य सरकार से पत्राचार किया गया है लेकिन सार्थक परिणाम ना मिलने के कारण , निराश होकर संघ के कुछ सदस्य माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर की शरण में जाकर अपने नियमितीकरण हेतु याचिका दायर किए थे , जिनकी सुनवायी करते हुये माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने संविदा आयुष चिकित्साधिकारियों के नियमितीकरण पर सहानुभूति विचार करने हेतु छ.ग. शासन को चार माह के भीतर नीतिगत निर्णय लेने का कॉमन ऑर्डर दिया है । प्रकरण एवं समान परिस्थितियां होने कारण सभी 406 संविदा आयुष चिकित्सकों को उनकी लंबी सेवा विशेषकर विगत डेढ़ वर्षों से कोविड 19 वैश्विक महामारी में दी गई सेवा के आधार पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर नीतिगत निर्णय लेकर नियमित करने की मांग की है।

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