Jashpur
*बारिश में बह गई पुलिया,गीधा,अंधरझर पंचायत सहित कई गांवों के लोगों का संपर्क टूटा, ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पुलिया पार कर रहे, राशन सहित गांव में जरूरी चीजों का मंडराया संकट, शिक्षा व्यवस्था भी हुई प्रभावित, 25 किलोमीटर के लिए अब चलना पड़ रहा 60 किलोमीटर….*
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3 years agoon
मनोरा/आस्ता/जशपुर। वाहिद खान एंव परवेज की ग्राउंड रिपोर्ट। मनोरा विकास खण्ड के ग्राम अंधला जाने वाली मुख्य मार्ग पर पुलिया बह गई है और यह हादसा लगातार मूसलाधार बारिश होने से पुलिया टूटा है। पुलिया बह जाने से कई गांव के लोगों का संपर्क टूट गया है। पुलिया टूटने से स्कूल के बच्चे और गांव के लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो गए हैं। स्कूल के बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल जाते हैं । दोनों पंचायतों के अंतर्गत कई प्राथमिक स्कूल हैं और स्कूलों में शिक्षक जशपुर या मनोरा से पढ़ाने के लिए आते हैं। खासकर गरीब परिवार वालो को रोजाना काम पड़ता हैं। गरीब परिवार के लोग रोजाना शहरी क्षेत्र में रोजगार करने या अन्य चीजों के लिए जरूर काम पड़ता हैं। गरीब परिवार रोजाना काम नही करेंगे तो परिवार को रहन सहन पालन पोषण नही मिल पायेगा। इसी वजह से गरीब मजदूरी करने शहरी क्षेत्र में रोजगार के लिए आते हैं और बारिश की वजह से पुलिया बह जाने से ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही हैं।
पुल क्षतिग्रस्त होने से राहगीरों सहित उत्पन्न हुई कई समस्या:-
प्रधानमंत्री सड़क के पुल टूटने से ग्रामीणों को कई परेशानी हो रही है। आस्ता के कुछ दूर 7 किलोमीटर की दूरी में पुल के क्षतिग्रस्त होने से लोगों को आने जाने में बहुत ही परेशानी हो रही है। यह रास्ता आस्ता खम्हली से होते हुए सन्ना और बगीचा ब्लॉक को जोड़ती है। इन रास्तों में अनेक गांव पड़ते हैं यह पुलिया के टूटने से लोगों को सन्ना और बगीचा जाने के लिए 60 से 70 किलोमीटर की दूरी ज्यादा करनी पड़ रही है। जबकि पुल ठीक होने पर लोगों को मात्र 20 से 25 किलोमीटर में सन्ना की दूरी तय हो जाती थी। सबसे ज्यादा दिक्कत शिक्षकों को हो रही है जो पुल क्षतिग्रस्त होने से स्कूल के समय सीमा से स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं और इस रास्ते में आमगॉंव में मिडिल स्कूल प्राइमरी स्कूल साथ में भाटापाठ, गीधा, अंधरझार, घुइपानी,जामपानी, लाफ़वाकोना, इन सभी स्थानों में स्कूल है जिसमें गीधा में हाई स्कूल भी पड़ता है और इन स्कूलों के सभी शिक्षक आस्ता में ही निवास करते हैं। पुल के क्षतिग्रस्त होने पर शिक्षक अपने स्कूल समय पर नहीं पहुंच पा रहे है।
पुल के क्षतिग्रस्त होने से किसी प्रकार की दुर्घटना होती है या डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल लाने के लिए 108 एंबुलेंस नाही महतारी एक्सप्रेस और ना ही पुलिस की गाड़ी साथ ही साथ कोई भी वाहन नहीं जा सकती ना आ सकती है। यह क्षेत्र मनोरा ब्लॉक के अंतर्गत आता है और मनोरा में ही तहसील और जनपद पंचायत है। ग्राम पंचायत के कार्य के लिए जनपद मुख्यालय आने जाने में इसी रास्ते से होकर जाना पड़ता है और पुल के क्षतिग्रस्त होने से आने जाने में बहुत ही मुश्किल हो गई है।
कभी भी हादसा होने का संकेत…..:-
ग्रामीणों ने बताया कि जान जोखिम में डालकर पुलिया पार करते हैं और यह पुलिया बहुत पुरानी थी, और इस पुलिया का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माण कार्य कराया गया था। इस पुलिया से होकर दो पंचायतों के लोगों का आवागमन होता है। इन दोनों पंचायतों के अंतर्गत कई गांव शामिल हैं। और गाँव में कई ऐसी जरूरतें पूरी करने के लिए लोग आस्ता व मनोरा, जशपुर जाते हैं।ग्रामीणों ने यह भी जानकारी दी कि एक मोटरसाइकिल को तीन या चार व्यक्ति मिलकर पुलिया पार करते हैं। अगर यही स्थिति बना रहेगा तो बहुत परेशानी बढ़ सकती हैं, क्योंकि किसी की तबीयत बिगड़ने पर एम्बुलेंस तक नही पहुंच सकती, ऐसी स्थिति पुलिया का हैं।