Jashpur
*स्कूली बच्चों की भविष्य पूरी तरह अंधकारमय, देखिये बच्चों के भविष्य के साथ किस तरह हो रहा खिलवाड़,ना शिक्षकों को है इनकी चिंता और ना ही सरकार को,12 बजे तक नही खुलता यहां स्कूल का ताला,बच्चों के निवाला से भी डकार…..ऐसे में कैसे गढ़बो नया छत्तीसगढ़.. देखिये वीडियो*
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2 years agoon
जशपुर,सन्ना(राकेश गुप्ता की रिपोर्ट):- जशपुर जिले की शिक्षा विभाग इन दिनों अपनी लापरवाही को लेकर काफी सुर्खियों में रहने लगी है।लगातार शिक्षा विभाग पर आरोप लगते रहते हैं।जिसे लेकर अब जिले के स्कूली बच्चों के भविष्य की चिंता पालकों को सताने लगी है।वहीं इन दिनों अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के एक साथ हड़ताल में जाने से भी कई स्कूल काफी प्रभावित हो रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं जशपुर जिले के बगीचा ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत चम्पा के प्राथमिक शाला कुरवाँ की जहां बीते दिन सोमवार को देखने को यह मिला कि 12 बजे तक स्कूल का ताला तक नही खुला था।बच्चे स्कूल पढ़ने तो आये थे परन्तु वहां ना तो शिक्षक थे और ना ही स्कूल का ताला खुला था।जिसके बाद बच्चे वहीं कैम्पस के पास ही खेलने लगे थे।वहीं जब हमें यह जानकारी लगी तो ग्राउंड जीरो टीम के साथ हमारे द्वारा मौके पर पहुंचा गया जिसके बाद आनन फानन में वहां स्कूल में कार्य करने वाला रसोईया आया और लगभग 12 बजे स्कूल का ताला खोला जिसके बाद बच्चे स्कूल में प्रवेश किये।वहीं रसोइया ने यह भी बताया कि स्कूल में लकड़ी नही होने के कारण बच्चों के लिए माध्यम भोजन भी नही बना है और बच्चे भूखे हैं।इसी तरह जब जब लकड़ी नही होता तो स्कूल में बच्चों के लिए खाना तक नही बनता।
आपको बता दें कि शासकीय अधिकारी कर्मचारीयों के हड़ताल में जाने के कारण स्कूलों की हालत इस तरह देखने को मिल रही है।परन्तु बड़ी बात यह है कि क्या स्कूल के सारे शिक्षक ही हड़ताल में हैं..?माध्यम भोजन में इसी तरह का रवैया का जिम्मेदार कौन होगा..? क्या शिक्षकों के हड़ताल में जाने के बाद स्कूली बच्चों को लेकर सरकार की कोई जिम्मेदारी नही होती..? क्या स्कूलों में ताला लगा रहना चाहिए..?आपको बता दें कि इसी तरह के रवैये से सरकारी स्कूल के स्कूली बच्चों की भविष्य अंधकारमय होती दिख रही है। और लगातार बच्चों के भविष्य के साथ सरकार के द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है।यही रवैये से आखिर कैसे गढ़बो नया छत्तीसगढ़..?
*वहिं इस मामले को लेकर हमारे ग्राउंड जीरो न्यूज के द्वारा बगीचा ब्लाक के शिक्षा अधिकारी से फोन पर कई बार सम्पर्क साधने की कोशिश की गई तो शिक्षा अधिकारी ने हमारे फोन का एक बार भी जवाब नही दिया।*