*हाईकोर्ट के दहलीज पर पहुँचा स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल का मामला,जानिए क्या है विवाद ,क्यो हो रहा है सरकार के निर्णय का विरोध…*

जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना आत्मानन्द उत्कृष्ट स्कूल को लेकर शहर में एक बार फिर बवाल मच गया है। मामला प्रदेश के हाईकोर्ट तक जा पहुँचा है। अधिवक्ता राम प्रकाश पांडे ने जनहित याचिका दायर कर,जिले के रियासत कालीन धरोहर शासकीय बालक उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय को इसके वर्तमान स्वरूप में संरक्षित करने की गुहार लगाई है। जानकारी के लिए बता दें इस स्कूल को आत्मानन्द योजना के हिंदी वर्जन के लिए चयन किये जाने का शुरू से ही विरोध हो रहा है। कलेक्टर को ज्ञापन सौप कर विरोध जता चुके है। शुक्रवार को स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावको ने भी गांधीगिरी करके डीईओ जेके प्रसाद से शासन तक उनकी आवाज पहुचाने का अनुरोध किया था। अब,सबकी नजर हाईकोर्ट पर टिक गई है। याचिका के स्वीकार होने और स्थगन आदेश जारी होने पर,सरकार के मंसूबे पर पानी फिर सकता है।
इसलिए हो रहा है विरोध-
० उत्कृष्ट स्कूल का दर्जा मिलने पर सभी क्लास की दर्ज संख्या सीमित हो जाने से अध्ययनरत बच्चों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। फिलहाल इस स्कूल में 1021 बच्चे कक्षा 6 वी से 12 तक अध्ययनरत हैं।
० स्कूल के साथ क्रीड़ा परिसर का संचालन भी किया जा रहा है। उत्कृष्ट स्कूल में परिवर्तित हो जाने से क्रीड़ा परिसर के साथ खिलाड़ियों का भविष्य भी दांव में लग सकता है।
० स्कूल के नाम परिवर्तन किए जाने को लेकर भी विरोध जताया जा रहा है। 8 साल में इस स्कूल के स्थापना का हीरक जयंती मनाया जाएगा। स्कूल में अध्ययनरत छात्र,पालक और पूर्व छात्रों को यह बात बिल्कुल भी रास नही आ रहा है कि बेवजह स्कूल के नाम से छेड़छाड़ किया जाए।
० 1935 में स्थापित स्कूल,ऐतेहासिक धरोहर बन चुका है। इसके भवन को मूल स्वरूप में संरक्षित करने की मांग उठ रही है। जबकि फिलहाल खनिज न्यास निधि मद से इस भवन के नवीनीकरण और मजबूती करण का काम किया जा रहा है।
० आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिला 7संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत अधिसूचित है। ऐसे में बिना यहां के मूल निवासियों की सहमति के उनके हित से जुड़े किसी भी मामले में निर्णय नहीं लिया जा सकता। लेकिन आत्मानन्द स्कूल मामले में इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है।
शिक्षा विभाग का तर्क –
० स्कूल में पदस्थ शिक्षक और पढ़ रहे शिक्षकों को नहीं हटाया जाएगा। उत्कृष्ट और सामान्य स्कूल का संचालन एक साथ किया जाएगा।
० स्कूल भवन के मूल स्वरूप में कोई बदलाव नही किया जाएगा। सिर्फ आवश्यक मरम्मत और मजबूतीकरण किया जा रहा है।
० स्वामी आत्मानन्द योजना से जुड़ जाने से स्कूल मानव और भौतिक संसाधन के लिहाज से बेहतर हो जाएगा। इससे स्कूल के शिक्षा स्तर में सुधार आएगा। छात्रों को निजी स्कूल की तरह पढ़ाई मिल सकेगी।
० क्रीड़ा परिसर और छात्रावास का संचालन पूर्वत जारी रहेगा।
शिक्षा विभाग का तर्क –
० स्कूल में पदस्थ शिक्षक और पढ़ रहे शिक्षकों को नहीं हटाया जाएगा। उत्कृष्ट और सामान्य स्कूल का संचालन एक साथ किया जाएगा।
० स्कूल भवन के मूल स्वरूप में कोई बदलाव नही किया जाएगा। सिर्फ आवश्यक मरम्मत और मजबूतीकरण किया जा रहा है।
० स्वामी आत्मानन्द योजना से जुड़ जाने से स्कूल मानव और भौतिक संसाधन के लिहाज से बेहतर हो जाएगा। इससे स्कूल के शिक्षा स्तर में सुधार आएगा। छात्रों को निजी स्कूल की तरह पढ़ाई मिल सकेगी।
० क्रीड़ा परिसर और छात्रावास का संचालन पूर्वत जारी रहेगा।
*वर्जन-*
‘हिंदीं माध्यम स्वामी आत्मानन्द स्कूल शुरू होने से शासकीय स्कूल में पदस्थ शिक्षक और छात्र प्रभावित नहीं होंगे।बेहतर भौतिक और मानव संसाधन जुटा कर स्कूल की अध्ययन की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा।
*जेके प्रसाद,डीईओ,जशपुर।*

-->