जशपुरनगर। शहर की जीवन रेखा बांकी नदी के विलुप्त होते अस्तित्व को बचाने का अभियान बुधवार की सुबह से शुरू होगा। इस अभियान में शहरवासियों के साथ विभिन्न सामाजिक संगठन,प्रशासनिक अधिकारी श्रमदान करने के लिए जमीन में उतरेगें। इस महाभियान की रूपरेखा तय करने के लिए जिला पंचायत के सभागार में बैठक में बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक के साथ प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थानों के लोग, विभिन्न समाज के लोग शामिल हुए। बैठक में बांकी नदी का अस्तित्व बचाने सभी को एकजुट होने की अपील की गई। बांकी नदी को संरक्षित करने पर जोर देते हुए पर्यावरणविद शिवानंद मिश्रा ने कहा कि नदियां जीवन का मुख्य आधार है। सभी शहर नदियों के किनारे ही बसते आए हैं। बांकी जशपुर शहर की वह नदी है जिसके किनारे रियासतकाल में जशपुर बसा था। आज इस नदी की दशा बेहद दयनीय है। उद्गम स्थल के कुछ किमी की दूरी पर ही नदी का स्वरूप नाली जैसा है। नदी की चौड़ाई एक मीटर से भी कम है। यह सबके लिए चिंता का विषय है। बैठक में पहुंचे वैदिक वाटिका के संचालक समर्थ जैन ने नदी से जुड़ी अपनी बचपन की बातें शेयर की। उन्होंने बताया कि यह वही बांकी नदी है जहां हम गर्मी के दिनों में घंटों नहाया करते थे और होली के मौके पर तो बांकी नदी जाना किसी साल नहीं छूटता था। आज इस बांकी नदी की हालत ऐसी है कि पैदल चलते हुए इस नदी को बिना छलांग लगाए पार किया जा सकता है। विमला देवी फाउंडेशन के अमित रंजन सिन्हा ने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि बांकी नदी के अस्तित्व को बचाया जाए। यदि यह नदी ऐसे ही सिमटती गई तो जशपुर को कितना बड़ा नुकसान होगा इसका अभी अंदाजा लगा पाना भी कठिन है। ब्राम्हण समाज के सुधीर पाठक ने कहा कि बांकी नदी जशपुर के लोगों का अंतिम पड़ाव है। मृत्युपर इसी नदी की घाट पर अंतिम संस्कार किया जाता है। पर नदी का जो अभी जो हाल है उससे ऐसा लग रहा है कि आने वाले सालों में बांकी नदी के घाट सूखा ना हो जाए। क्योंकि उद्गम स्थलों से ही नदी पर अतिक्रमण हो रहा है। पर्यावरण विद रामप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि बांकी नदी बचाने के लिए अब आगे आना हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि अभी हम नदी को ऐसे ही हाल पर छोड़ देते हैं तो आने वाली पीढ़ी से सुंदर जशपुर में परेशानी छोड़ देंगे। बैठक में डॉ एचएस राय, सुरेश गुप्ता, प्रवीण पाठक, मनोज रमाकांत मिश्र, गौरीशंकर मिश्रा, विद्याभूषण पाठक, आनंद गुप्ता, नितिन राय, शीला गुप्ता, अनिता गुप्ता, नीतू गुप्ता, मधु मिश्रा, मनीषा छाबड़ा, तरूण शर्मा, गणेश साहू, पप्पू पाठक, महेश साहू सहित अन्य उपस्थित थे। आज सुबह जुटेंगे शहर वासी बांकी नदी के बचाव के लिए आज सुबह साढ़े 6 बजे शहरवासियों की भीड़ गम्हरिया पुल के पास जमा होगी। बैठक में निर्णय लिया गया है कि सभी अधिक से अधिक लोगों को लेकर यहां पहुंचे। नदी के बहाव क्षेत्र में लोग घूमेंगे और जहां सफाई की जरूरत है वहां सफाई करेंगे।