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*मिट्टी को अस्थि बता कर अटल जी के नाम पर राजनीतिक षड्यंत्र करने वाले आज राज्य निर्माता श्रद्धेय अटल जी को भुला कर अपनी दोहरी दूषित मानसिकता का परिचय दे रहे- विष्णुदेव साय, सीएम बघेल और कांग्रेस के नेता भले ही श्रद्धेय अटल जी को याद ना कर अपने राजनीतिक द्वेषपूर्ण भावना का परिचय दें परंतु छत्तीसगढ़ की जनता श्रद्धेय अटल जी नहीं भूल सकती*
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3 years agoon
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेश सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद नहीं करने एवं स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी अटल जी भूलने को राज्य सरकार की दूषित राजनीतिक मानसिकता करार दिया हैं। उन्होंने कहा कि अटल जी के नाम पर राजनीतिक रोटी सेकने वाले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हो गया हैं। कांग्रेस के नेता जब राजनीति करनी थी भाजपा को बदनाम करने का षड्यंत्र रचना था तब अटल जी का नाम जपते नहीं थकते थे यहां तक कि मिट्टी को अटल जी की अस्थि बता कर राजनीतिक षड्यंत्र कर भाजपा को बदनाम करने और सत्ता प्राप्ति के लिए निकृष्ट कृत्य करने से बाज नहीं आने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेताओं को शर्म आनी चाहिए जो राज्य निर्माता श्रद्धेय अटल बिहाती वाजपेयी को भूलने का कृत्य उनके द्वारा किया गया हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस को ऐसे कृत्यों के लिए कभी माफ नहीं करेगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेता भले ही श्रद्धेय अटल जी को याद ना कर अपने राजनीतिक द्वेषपूर्ण भावना का परिचय दें परंतु छत्तीसगढ़ की जनता श्रद्धेय अटल जी के छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए किए गए प्रयास को और तात्कालीन प्रधानमंत्री रहते छत्तीसगढ़ की जनता को छत्तीसगढ़ राज्य के रूप में दिए गए सौगात को कभी नहीं भूल सकती। छत्तीसगढ़ की धारा पर कांग्रेस के तमाम षड्यंत्रों के बावजूद श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी का नाम अमर रहेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार को अटल जी की ही पंक्ति याद दिलाते हुए कहा कि सरकारें आएंगी जाएंगी पार्टियां बनेगी बिगड़ेंगी मगर ये देश रहना चाहिए वैसे ही छत्तीसगढ़ प्रदेश रहना चाहिए और इसी लिए प्रदेश सरकार को राजनीतिक द्वेष और बदलापुर की भावना से ऊपर उठकर कार्य करना चाहिए। छत्तीसगढ़ में ऐसी राजनीति से प्रेरित द्वेषपूर्ण नई परिपाटी नई परंपरा का इतिहास नहीं रहा हैं यह छत्तीसगढ़ के हित में नहीं।