Chhattisgarh
*वीडियो:- जब दिवान आदिवासी नहीं तो…….? क्या हुआ जब बगीचा में प्रदीप दिवान के द्वारा आयोजित जशपुर सरगुजा विकास मंच की रैली में पहुँचे बीजेपी के दिग्गज, कोरवाओं ने कह दिया साफ, सभी पार्टी को देख लिया हमने, जो जाति की समस्या करेगा दूर बस वही है…..सवाल इतना बड़ा उठा दिया कि प्रदीप दीवान…..प्रदेश अध्यक्ष विष्णु साय और प्रबल प्रताप सिंह को एक कोरवा ने कह दिया….*।
Published
3 years agoon
जशपुरनगर। जशपुर जिले के बगीचा में तथाकथित प्रदीप दिवान के नेतृत्व में रैली का आयोजन किया गया था ,जिसमें शामिल होने पहुँचे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और प्रबल प्रताप सिंह को एक कोरवा ने ही दे डाला अल्टीमेटम। उसने दोनों नेताओं से चर्चा करते हुए सीधे सीधे भाषा में कहा कि कभी 700 खुड़िया के मालिक हम कोरवा और 14 सौ जशपुर में मालिक जशपुर के राजा हुआ करते थे । लेकिन आज कोरवाओं को तीन भागों में बांट कर उन्हें भूखे मरने की स्थिति में छोड़ दिया गया है। उनके बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है ,अगर कोरवाओं की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम किसी भी राजनीतिक दल को समर्थन देने में सोंचेगें।एक कोरवा के द्वारा दिए गए इस अल्टीमेटम की चर्चा तो क्षेत्र में हो ही रही है उससे भी अधिक चर्चा का विषय यह बना है कि राज्य के दोनों प्रमुख पार्टी भाजपा और कांग्रेस कोरवा जनजाति पर राजनीति करती है लेकिन सत्ता में रहते हुए भी दोनों पार्टियों ने जाति की समस्या से निजात दिलाने सफल नहीं हुए या सार्थक प्रयास नहीं किया।
इन पदों पर उन्हें पहुँचाने में कहीं न कहीं कोरवा जनजाति के लोगों का विशेष योगदान रहा है उंसके बावजूद उन्हें कोरवाओं की सबसे बड़ी समस्या की खबर तक नही। वायरल वीडियो में दरअसल उस सवाल की चर्चा आयोजित रैली से भी कहीं अधिक हो रही है वायरल वीडियो में जिस प्रकार बात हो रही है कि कोरवा कितने भागों में विभक्त है पहले तो दो भाग थे पहाड़ी और दिहाड़ी तीसरा भाग कौन सा है ?क्षेत्र के लोग इस वाइरल वीडियो को देखकर आश्चर्यजनक रूप से सवाल करते नजर आ रहे हैं कि कोरवाओं की सबसे बड़ी समस्या बघेल क्षत्री को लेकर आज तक अंजान हैं। शायद इसी कारण से कोरवा ने अल्टीमेटम देते हुए कह दिया कि अगर हमारी समस्या का समाधान नही हुआ तो हम किसी राजनीतिक दल को समर्थन देने पर विचार करेंगे ।
अगर इस अल्टीमेटम पर कोरवा टिके रहे तो अगले चुनाव में बीजेपी को जशपुर विधानसभा से फिर हाँथ धोना पड़ सकता है।
देखिए वाइरल वीडियो में स्पष्ट है, जिसमें एक कोरवा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्षविष्णु साय और प्रबल प्रताप सिंह को बताया कि खुड़िया दिवान परिवार और उनके सभी रिश्तेदार बघेल क्षत्रिय हैं और आदिवासी की श्रेणी में नही आते हैं। तब क्षेत्र में यह सवाल उठाया जा रहा है कि फिर खुड़िया दिवान प्रदीप नारायण सिंह आदिवासी कैसे हुए ?और कैसे वो जशपुर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे और कैसे वो बगीचा जनपद के दो बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए?
जबकि जशपुर विधानसभा और बगीचा जनपद आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है ।दरअसल इस वाइरल वीडियो ने न केवल कोरवाओं की समस्याओं पर सवाल उठाया है बल्कि कैसे कोई व्यक्ति भारत के संविधान को ताक में रखकर अपना उल्लू सीधा करता रहा है और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहा है।