*watch video:- दिया बनाने के लिए एक परिवार पूरी ताकत झोंक देता है, तब रोशन होता है दीप पर्व पर घर आंगन, स्कूली बच्चों ने करीब से जाना कैसे बनता है दिया, बनाकर भी देखा और दीपावली का महत्व समझा, डूमर टोली स्कूल प्रबंधन की खास पहल, ग्राम भ्रमण…….*

जशपुरनगर। ग्राम भ्रमण कार्यक्रम के तहत माध्यमिक शाला डूमरटोली वि.खं.मनोरा जिला जशपुर के छात्रों ने छोटे- छोटे ग्रुप में दीपावली के लिये बन रहे दिया को करीब से देखा। वहीं शिक्षकों ने दीप पर्व के महत्व के बारे में भी जानकारी दी।
बच्चों ने दीपक बनाने की विधि समझा और स्वयं से बनाने का भी प्रयास भी किया। बच्चों ने जाना सबसे पहले दिया बनाने के लिए अनुकूल मिट्टी का चयन करना ,मिट्टी को मलकर चिकना बनाना, मिट्टी को चाक पर चढाना एवं दिया बनाना। इसे कच्चा दिया कहते हैं। कच्चे दिए को रंगा जाता है। धूप में सुखाया जाता है तब फिर इसे भट्ठा मे डाल कर आग से पकाया जाता। तब कहीं जा कर बनता है दिया जिसे हम दीपावली एवं अन्य कार्यक्रमों /पुजा हेतू या प्रकाश के लिए जलाते हैं।
इस कार्यक्रम से बच्चों ने सीखा एकछोटा सा दीया बनाने के लिये एक पूरे परिवार को कितना मेहनत करना पडता है। पूरा परिवार जब मिल कर कार्य करता है तो सबकुछ सहज हो जाता है।
वास्तव मे ऐसा लगता है कि दिया बनाना सहज है किन्तु बनाने से बनता ही नहीं है किन्तु लगातार प्रयास करें और कोई अच्छा गुरू मिल जाए तो आसानी से दीया बन सकता है।

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