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*देखिये वीडियो:- इस गांव में था नक्सलियों का आना जाना, अब यहां है पुलिस का विश्वास, जब दूरस्थ ग्राम टीम के साथ पहुंचे पुलिस कप्तान विजय अग्रवाल तो ग्रामीणों का बढा उत्साह, अपराधों और अंधविश्वास से बचने एसपी ने दी जानकारी, पुलिस और जनता के बीच सम्बन्ध विश्वास मजबूत करने सीमा पर जशपुर पुलिस की अभिनव पहल, अपराध की रोकथाम के साथ दुर्घटना रोकने यातायात जागरूकता की पहल, बांटे गए हेलमेट….*
Published
3 years agoon
जशपुर, सन्ना:- राकेश गुप्ता की ग्राउंड रिपोर्ट। जशपुर जिले के सुदूर अंचल सन्ना पाठ क्षेत्र के चम्पा गांव जो कि जिले की सीमा में है जहां जिले के पुलिस की अभिनव पहल देखने को मिली।आपको बता दें कि आज जिले के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल की पहल पर अपराध रोकने और जनता और पुलिस के बीच सम्बन्ध मजबूत करने विश्वास नाम की अभिनव पहल करते हुए कार्यक्रम आयोजित की गई।उसी तारमतय में आज पुलिस प्रशासन के द्वारा जशपुर जिले के बलरामपुर सीमा से लगे चम्पा गांव में शिविर लगा कर ग्रामीणों को कानून की विभन्न प्रकार की जानकारी के साथ साथ सड़क दुर्धटना को देखते हुए यातायात नियमों को भी समझाया और ग्रामीणों को जशपुर पुलिस अधीक्षक के द्वारा हेलमेंट भी वितरण किया गया। वहीं महिला स्व सहायता समूहों को भी बढ़ावा देते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह देते हुए भी नवाजा और ग्रामीणों को शराब छोड़ने से लेकर उसके नुकसान को भी बताया। इस पूरे कार्यक्रम की शुरुवात से क्षेत्र के ग्रामीण भी काफी उत्साहित दिखे और जिले में क्षेत्र की महिलाएं आम जनता पहली बार पुलिस प्रशासन की कार्यों की सराहना करते हुए देखे गये और पुलिस की इस कार्यक्रम के विषय मे जनचर्चा भी बना हुआ है।
जिले के पुलिस कप्तान विजय अग्रवाल ने बताया कि यह विश्वास कार्यक्रम के तहत की गई है।जिसमे इसका उद्देश्य इतना है कि ग्रामीणों में जागरूकता लाई जा सके।और जो ग्रामीण क्षेत्र में अन्धविश्वस है उसे समाप्त किया जा सके।वहीं झूठे शिकायत भी ना हों और सड़क दुर्धटना की जानकारी देते हुए इसमें भी कमी लाई जा सके।
इस दौरान ग्रामीणों ने एसपी जसपुर को अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया। वहीं एसपी जसपुर ने अंधविश्वास से दूर रहने झूठी शिकायत करने से बचने सहित कानून के पालन करने की अपील की। पहली बार किसी एसपी को अपने गांव में इतनी देर तक पाकर ग्रामीणों का उत्साह देखते बन रहा था। विश्वास कार्यक्रम के तहत इस आयोजन को बेहद सफल माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र पूर्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। लेकिन पुलिस की मौजूदगी और ग्रामीणों की सहभागिता को देखते हुए इस इस ग्राम से जसपुर के विकास को एक मील का पत्थर माना जा सकता है।