Jashpur
*Watch video:- नवरात्र पर ऐसी अनूठी शोभा यात्रा देख आप हो जाएंगे हैरान, नुकिले कीलों पर खड़े होकर नृत्य…. जशपुरांचल के इस धर्म नगरी में अनूठी होती है नवरात्र, भव्य कलश शोभा यात्रा के साथ आश्विन नवरात्र महोत्सव का हुआ शुभारंभ, पारंपरिक वाद्ययंत्र सहित पौराणिक अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित कर निकली कलश यात्रा…….*
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3 years agoon
कोतबा/जशपुरनगर :- शाश्वत वैदिक मंत्रोच्चार, माता रानी के जयकारे व भव्य कलश शोभा यात्रा के साथ गुरुवार को आश्विन नवरात्र महोत्सव का आगाज हो गया। धर्मनगरी कोतबा में भव्य कलश यात्रा बाजे गाजे के साथ निकाली गई। कलश यात्रा में हजारों महिलाओं व कन्याओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस बार आश्विन नवरात्र 7 अक्टूबर गुरुवार से 15 अक्टूबर शुक्रवार तक 9 दिनों तक अंचन मे नवरात्र की धूम रहेगी। इसके साथ ही आसापास के गांव से लेकर कोतबा शहर तक का इलाका शक्ति की भक्ति में लीन हो गया है।
एक ओर जहां पूजा पंडालों में मां की भव्य प्रतिमा का निर्माण कर पूजन अर्चना का आगाज किया गया है। वह दूसरी ओर गंझियाडीह देवी बनभौरी मंदिर में आस्था का केंद्र बना है, तो वही धर्मनगरी कोतबा में देवी उपासकों ने भी तीन अलग अलग स्थानों से कलश यात्रा निकाली जिसे देखने भारी संख्या में नगरवासी सड़को पर आ गए थे। धर्मनगरी कोतबा के कंवर पारा, खालापारा सहित अन्य स्थानों से अलग अलग भव्य कलश यात्रा देखने मिली जिसमे पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ जसगीत गाते हुवे भक्त झुपते हुए कलश यात्रा में शामिल हुए थे जिसमें पारम्परिक अस्त्र शस्त्र खड़क, त्रिशूल, गदा, कोड़ा लिये झुपते नजर आए इतना ही नही जगह जगह के भक्त कील की बने पाटे पर नाचते लौटते हुए कलश यात्रा में सम्मिलित हुए थे। कलश यात्रा में भक्तों में शावर माता के दर्शन को भक्तों की कतार लगने लगी थी। नवरात्र के अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी धर्मनगरी कोतबा के तिलगोड़ा मैदान मे दुर्गा पूजा पंडाल का आयोजन धूमधाम से किया जा गया है। जिसमे पहले दिन नगर में भव्य कलश यात्रा निकली गई जिसमें 1100 कलश में सतिघाट धाम से जल उठा कर कन्याओं व महिलाओं द्वारा भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा तिलगोड़ा से आरम्भ हो कर बस स्टैंड से मुख्य मार्ग होते हुवे सतिघाट धाम पहुँची जहाँ हजारों महिलाओं व बालिकाओं ने कलश में जल भर कर मुख्य मार्ग से राम मंदिर पारा होते हुवे नदी से जल भर कर कलश शोभा यात्रा पूजा स्थल पहुंची। इस भव्य कलश शोभा यात्रा के दौरान ढोल – ताशा व गाजे – बाजे की धुन पर माता रानी के जयकारे लगाते हुवे बाजे गाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई है
गंझियाडीह धाम में भी निकली शोभा यात्रा : –
जगदम्बा वनभोरी मंदिर अम्बानगर ग्राम गंझियाडीह के ग्रामीण भक्तों व महिलाओं द्वारा गाजे – बाजे व माता रानी के जयकारे के साथ विशाल कलश शोभा यात्रा निकाली गई। पंडित मनीष कृष्ण शास्त्री के निर्देशन में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ निकाली कलश यात्रा गांव का भ्रमण करते हुए नदी से जल भर कर कुंवारी कन्याओं व माता बहनों की शोभा यात्रा पुन: यज्ञ स्थल गंझियाडीह धाम पर लौट गई। मां भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की। पंडित श्री शास्त्री ने बताया कि मंदिर गंझियाडीह में स्थापित माता बनभौरी के रूप में महाशक्ति की नवरात्रा के अवसर पर विशेष पूजा की जाती है। मंदिर में नवग्रह की प्रतिमा के साथ कुल सरस्वती, गणेश ,हनुमान सहित सभी देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित है। नवरात्रा के अवसर पर प्रत्येक दिन सभी देवी देवताओं के साथ मां भगवती के विशेष पूजा अर्चना व महाआरती की जाएगी। वही पहले दिन कलश यात्रा के बाद वैदिक मंत्रोच्चार से देवी का आह्वान किया गया साथ ही वेदीपुजन, अखण्ड ज्योति प्रज्वलन हवन यज्ञ आरंभ किया गया।
नवरात्रि का महत्व:-
शारदीय नवरात्र का महत्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पहली तारीख से मनाया जाने वाला नवरात्रि का त्योहार सनातन काल से ही मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि सबसे पहले भगवान राम ने नवरात्र की शुरुआत की थी। समुद्र किनारे शक्ति की उपासना करने के बाद ही भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई की थी। बाद में उन्होंने रावण का वध कर विजय भी प्राप्त किया। इसीलिए, नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करने के बाद दसवें दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इसे अधर्म पर धर्म की तथा असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है।