जशपुरनगर। (राकेश गुप्ता,सोनू जायसवाल):- जशपुर जिले में इन दिनों मनरेगा योजना के तहत भारी अनियमितता बरती जा रही है।जिले में एक बार फिर मनरेगा योजना के निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने के मामले में कुनकुरी जनपद पंचायत के तीन सचिवों को एक साथ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।जिसमें ग्राम पंचायत बोड़ोकछार के सुशील तिर्की,ग्राम पंचायत खुटगांव के कुंजेश्वर प्रसाद सिंह और ग्राम पंचायत कुडूकेला सचिव कृष्णा यादव के नाम कारण बताओ नोटिश जारी किया गया है। आदेश में उल्लेख है कि महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत दिनाँक 05/01/2022 अधोहस्ताक्षरकर्ता एवं प्रभारी अधिकारी ,मनरेगा के द्वारा ग्राम पंचायत बोड़ोकछार में योजनांतर्गत चल रहे डबरी निर्माण कार्य का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद भी कार्य स्थल पर निर्माण कार्य का नागरिक सूचना पटल नहीं बनाया गया है।जबकि निर्माण कार्य प्रारंभ होने पर सर्वप्रथम नागरिक सूचना पटल का मस्टर रोल जारी कर नागरिक सूचना पटल निर्माण कराया जाना चाहिये। किन्तु उक्त कार्यों के निरीक्षण से स्पष्ट होता है कि आपके द्वारा योजनांतर्गत संचालित कार्यों का निरीक्षण नहीं किया जाता है। जो कि आपके द्वारा योजना के प्रति उदासीनता एवं घोर लापरवाही को दर्शाता है। आपका उक्त कृत्य योजना के उद्देश्यों में बाधक होने के साथ – साथ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 03 के उप नियम ( एक ) ( दो ) ( तीन ) के विपरीत होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है। क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावें ? अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि अधोहस्ताक्षरकर्त्ता द्वारा निरीक्षण किये गये कार्यों का जिसमें नागरिक सूचना पटल नहीं बनाया गया है।का 03 दिवस के भीतर नागरिक सूचना पटल निर्माण कार्य पूर्ण कर फोटोग्रॉफ्स के साथ अपना जवाब अधोहस्ताक्षरकर्त्ता के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत करें। जवाब प्रस्तुत नहीं करने अथवा संतोषप्रद नहीं पाये जाने की दशा में आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी जिसके लिये आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।सवाल यह उठता है की लगातर जिले केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना मनरेगा में ही क्यों इतनी मनमानी हो रही है। बीते दिनों जिले के बगीचा जनपद के ग्राम पंचायत बासेन में मनरेगा योजना के तहत बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद जांच दल मौके पर पहुंचे थे ,इसके बाद शिकायत कर्ता एवं पंचायत प्रतिनिधि आपस में जमकर विवाद हुआ,उसके बाद मामला थाने तक पहुंच गया।आखिर जिले में इस तरह से अनियमितता बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं होती है,अब देखना होगा कि इस तरह से मनमानी करने वालो पर क्या कार्यवाही होती है या केवल नोटिस थमा कर मामला शांत कर दिया जाता है।