Connect with us
ad

Chhattisgarh

*महतारी वंदन योजना: लक्ष्मी की बदल रही तकदीर, जून माह में चतुर्थ क़िस्त के रूप में 50 करोड़ 93 लाख 36 हज़ार 9 सौ रुपए महिलाओं के बैंक खाते में ज़ारी किए गए हैं…*

Published

on

1719041552 d1049b7fbad88bf919a8 1

रायपुर, 22 जून 2024/ छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना का मूल उद्देश्य अब कारगर होता दिखाई दे रहा है। रायपुर की श्रीमती लक्ष्मी फुटान ने सपना संजोया था, जिसे अपनी आर्थिक तंगहाली की वजह से पूरा नहीं कर पाई थी, महतारी वंदन योजना से उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है।

       श्रीमती लक्ष्मी घर का कामकाज संभालती है। उनके पति श्री गोपाल फुटान रोजी-मजदूरी करते है। श्रीमती लक्ष्मी बताती हैं कि पति की कमाई से घरेलु खर्च तो चल जाता था पर छोटी-मोटी जरूरतें की चीजों को खरीदने में काफी परेशानी उठानी पड़ती। होती थी। अब उन जरूरतों को वह इस योजना से मिली राशि से पूरा कर रही हैं और बचत भी कर रही है।
श्रीमती लक्ष्मी ने कहती है कि सोने-चांदी के जेवर पहनने का मन काफी समय से है, लेकिन माली हालत उतनी अच्छी नहीं थी, जिससे वे जेवर खरीद सके। अब सपने पूरा करने के लिए वे प्रतिमाह बैंक अकाउंट में योजना से मिलने वाली राशि को इकट्ठे कर रही है। जिससे वे जेवर की खरीदी कर सके। श्रीमती लक्ष्मी यह भी कहती है कि बहुत खुशी होती है कि घर बैठे इतनी राशि मिल रही है। उनके दो बच्चे टीकम और धनेंद्र के भविष्य की चिंता भी थी, हमेशा यही लगता था कि मैं भी थोड़ा आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए कुछ काम करूं, पर राज्य सरकार की महतारी वंदन योजना से राशि प्रतिमाह मिल जाती है, उस पैसे की बचत कर बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित कर रही हूं। साथ ही अब घर की छोटी-मोटी चीजों को खरीदने के लिए पति पर आश्रित रहने की जरूरत नहीं पड़ती है। कुछ घरेलु खर्च होता है तो खुद पूरा कर लेती है। अब पैसों के लिए दूसरे के सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ता है।

          श्रीमती लक्ष्मी कहती है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने महिलाओं के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। मेरे जैसे लाखों महिलाओं को अपने सपने पूरे करने के अवसर मिल रहें है। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद करते हैं। वे यह भी बताती है कि खान-पान भी बेहतर होता जा रहा है। राशन और घर की अन्य चीजें भी खरीदने के लिए कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। अब सशक्त होने का अवसर प्राप्त हुआ है और बेहतर पोषण से जीवन भी बेहतर होगा और परिवार भी स्वस्थ रहने के साथ खुशहाल भी रहेगा। जीवन में उत्तरोतर विकास से समृद्धि भी आएगी। उल्लेखनीय है कि महतारी वंदन योजना के तहत राज्य में विवाहित महिलाओं को 1,000 रुपए प्रतिमाह (कुल 12,000 रुपए सालाना) वित्तीय सहायता दी जा रही है, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है।

          मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कहते हैं कि उनका प्रयास आने वाले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का होगा। इसी लिए राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बजट में महतारी वंदन योजना के लिए 3,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 10 मार्च से प्रथम किश्त महिलाओं के बैंक खाते में भेजने से प्रारंभ हुई महतारी वंदन योजना में रायपुर जिले के कुल 5 लाख 29 हज़ार 75 हितग्राहियों को महतारी वंदन योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है, जिनको जून माह में चतुर्थ किस्त के रूप में 50 करोड़ 93 लाख 36 हज़ार 9 सौ रुपए महिलाओं के बैंक खाते में ज़ारी किए गए हैं।

Advertisement

RO NO- 12884/2

RO- 12884/2

RO-12884/2

Demo ad

RO- 12884/2

ad

Ad

Ad

Ad

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Chhattisgarh3 years ago

*बिग ब्रेकिंग :- युद्धवीर सिंह जूदेव “छोटू बाबा”,का निधन, छत्तीसगढ़ ने फिर खोया एक बाहुबली, दबंग, बेबाक बोलने वाला नेतृत्व, बेंगलुरु में चल रहा था इलाज, समर्थकों को बड़ा सदमा, कम उम्र में कई बड़ी जिम्मेदारियां के निर्वहन के बाद दुखद अंत से राजनीतिक गलियारे में पसरा मातम, जिला पंचायत सदस्य से विधायक, संसदीय सचिव और बहुजन हिन्दू परिषद के अध्यक्ष के बाद दुनिया को कह दिया अलविदा..*

IMG 20240821 WA0000
Chhattisgarh4 months ago

*बिग ब्रेकिंग:- विदेशी नागरिक को भारत में अनुसूचित जनजाति की भूमि क्रय करने का अधिकार नहीं ,बेल्जियम निवासी एच गिट्स के द्वारा फर्जी ढंग से खरीदी गई भूमि को जनजाति के सदस्य वीरेंद्र लकड़ा को वापस करने का ऐतिहासिक निर्णय कलेक्टर जशपुर डा रवि मित्तल ने सुनाया………..*

Chhattisgarh3 years ago

*जशपुर जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाले शिक्षक के बेटे ने भरी ऊंची उड़ान, CGPSC सिविल सेवा परीक्षा में 24 वां रैंक प्राप्त कर किया जिले को गौरवन्वित, डीएसपी पद पर हुए दोकड़ा के दीपक भगत, गुरुजनों एंव सहपाठियों को दिया सफलता का श्रेय……*