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जशपुरनगर,(राकेश गुप्ता):- खबर जशपुर जिले से आ रही है जहां 6 दिव्यांग बच्चियों के साथ हुए अनाचार के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं होने पर परिजन भड़क उठे हैं। परिजन अब 8 फरवरी को जिले के उसी दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे। जिसकी सूचना उन्होंने कलेक्टर को दे दिया है।आपको बता दें की जशपुर जिले के इतिहास में पहली बार 22 सितम्बर 2021 को बेहद शर्मसार करने वाला कृत्य करते हुए 6 नाबालिक मूक बधिर दिव्यांग बच्चियों के साथ समर्थ दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र जशपुर में ही वहां मौजूद सरकारी कर्मचारियों के द्वारा हैवानियत की सारे हदें पार करते हुए बच्चियों के साथ छेड़छाड़ और अनाचार किया गया था।जिसकी खबर भी ग्राउंड जीरो न्यूज में कई बार प्राथमिकता से उठाया है।वहीं खबर के प्रकाशित होने के बाद इस मामले में बहुत राजनीति भी हुई।क्या सत्ता पक्ष के नेता और क्या विपक्ष के नेता सभी ने अपनी अपनी भूमिका निभाते हुए राजनीति रोटियां सेंक ली, परन्तु कुछ दिन बीतने पर सभी ने उन बच्चियों को उसी हालत में छोड़ दिया।बहरहाल जो भी हो, पर उन बच्चियों के साथ हुए इस हैवानियत से परिजन आज भी बाहर नही निकल पाए हैं। आखिर कोई अपनी बच्चियों के साथ हुई ऐसी दरिंदगी को कैसे भूला पाएगा। वहीं इतने बड़े घटनाक्रम पर अब तक दो ही आरोपियों पर कार्रवाई हुई है और अन्य आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।अब पुनः अन्य आरोपियों पर कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग को लेकर दर-दर भटकने के बाद परिजन ने अब धरना-प्रदर्शन करने का मन बना लिया है।बड़ा सवाल यहां यह भी उठता है कि आखिर इस पूरी घटना का सबूत,बयान और तथ्यों के सामने आने के बाद भी आखिर इस मामले में अब तक पूर्ण रूप से कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, कड़ी कार्रवाई करने से प्रशासन बच क्यों रहा है? जिससे कि नाबालिक दिव्यांग बच्चियों के परिजन को सांत्वना मिल सके। यह भी कहना अनुचित नही होगा कि शायद पूरे देश मे जशपुर की इस घटना की निंदा तो जमकर हुई है। परन्तु इतने बड़े शर्मसार करने वाले घटनाक्रम के बाद भी अगर मामले में परिजन को आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़े, तो भी इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है?
*वहीं 8 फरवरी को होने वाले धरना-प्रदर्शन पर जब हमने ग्राउंड जीरो न्यूज के माध्यम से परिजन से बात किया तो उन्होंने बहुत ही मार्मिक शब्दों में कहा कि घटना में कई आरोपी थे, परन्तु अब तक मात्र दो ही आरोपियों पर कार्रवाई हुई है। जिससे वे न्याय की गुहार लगाते हुए और भी अन्य आरोपियों पर कार्रवाई करने की लगातार मांग कर रहे हैं। उन्होंने आगे प्रशासन पर भी गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी दिव्यांग बच्चियों के साथ हुए इस हैवानियत की घटना के बाद आखिर हमें सूचना क्यों नहीं दी गई?उन्हें अनाथों की तरह फेंक दिया गया। उन्होंने आगे बताया कि इस पूरी घटना की जानकारी लगते ही वे उन बच्चियों से मिलने केंद्र भी गए, परन्तु उन्हें बच्चियों से मिलने तक नही दिया गया।उन्होंने बहुत ही मार्मिक शब्दों में कहा कि अब आखिर न्याय के लिए हम कहाँ जाएं? इसी कारण यह एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
बहरहाल, मामले में पुनः न्याय की मांग को लेकर धरना/प्रदर्शन होने की सूचना के बाद प्रशासन क्या कदम उठाता है? धरना-प्रदर्शन के बाद भी उनको न्याय मिल पाता है या नही? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। पर पीड़ित बच्चियों के परिजन के धरना-प्रदर्शन की सूचना के बाद एक बार फिर जिले की राजनीति भी गरमाने की संभावना दिख रही है।