*भाजपा के कद्दावर नेता गणेश राम भगत ने कांग्रेस सरकार के इस मंत्री पर लगाये कई गम्भीर आरोप..कहा पहाड़ी कोरवाओं की बेशकीमती भूमि को फर्जी रूप से रजिस्ट्री कराने के बाद अब दलालों को संरक्षण दे रहे हैं यह मंत्री,तस्वीर देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है…पढिये जशपुर में फर्जी जमीन रजिस्ट्री के पीछे की इनसाइड स्टोरी..*

 

जशपुरनगर :– प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आते ही जमीन रजिस्ट्री को लेकर जिस प्रकार दलाल सक्रिय हुये हैं और जिस प्रकार से प्रदेश के जशपुर जिले के अंदर जिला प्रशासन से सांठगांठ करते हुऐ दलालों द्वारा पहाड़ी कोरवा,आदिवासी की सैकड़ों एकड़ बेशकीमती भूमि का फर्जी रजिस्ट्री का खेल खेला गया है।उसके बाद से अब राजनीति सरगर्मी भी तेज हो गयी है।
आपओ बता दें कि जशपुर जिले में वर्षों से जशपुर की बेशकीमती कृषि भूमियों को दलालों के द्वारा स्टील कंपनी के नाम बेनामी खरीद बिक्री को लेकर राजनीति गर्म तो है ही और इसी बीच ग्राम कामारीमा में मृत व्यक्ति के स्थान पर दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर 5 एकड़ बेशकीमती जमीन को कुदरगढ़ी स्टील प्लांट के व्यक्ति के नाम पर खरीदने तथा उक्त रजिस्ट्री में गवाह के रूप में तथा जमीन बिक्री में दलाली करने वाले कांग्रेसी नेता हलीम फिरदौसी और अमरजीत भगत का फोटो हलीम फिरदोसी के द्वारा फेसबुक पर शेयर करने के बाद से मामला और गर्म हो चुका है।

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जहां अब प्रदेश के पूर्व मंत्री भाजपा के कद्दावर आदिवासी नेता, जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कांग्रेस प्रदेश सरकार के आदिम जाति कल्याण मंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री के काफी नजदीकी अमरजीत भगत पर गम्भीर आरोपों की बौछार लगा दिया। गणेश राम भगत ने कहा कि पहले तो अमरजीत भगत स्वयं जशपुर के आदिवासियों की बेशकीमती जमीनों पर अपनी नजर गड़ाए हुए थे और पहाड़ी कोरवाओं की जमीन चोरी छिपे गैर-कानूनी रूप से अपने न्यायधीश पुत्र के नाम पर रजिस्ट्री तक करा चुके थे। लेकिन हमारे जनजाति सुरक्षा मंच के आंदोलन के बाद अमरजीत भगत को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा और पहाड़ी कोरवाओं का जमीन वापस तो कर दिया लेकिन अब जमीन दलालों के माध्यम से और कुदरगढ़ी स्टील प्लांट कंपनी के साथ मिलकर जशपुर के गरीब किसानों की जीविका का एकमात्र साधन उनकी कृषि भूमियों पर नजर गड़ाये हुए हैं। आए दिन लगातार जशपुर के आदिवासी एवं गैर आदिवासी किसानों की जमीन साथ ही साथ किसानों को सरकार के द्वारा पट्टे में दी गई जमीनों को स्टील प्लांट कम्पनी के मालिक और उसके जमीन दलाल हलीम फिरदौसी के साथ मिलकर जमीन को औने पौने दामों पर खरीदा जा रहा है। श्री भगत ने मंत्री पर आरोप लगाते हुए आगे कहा कि लगभग सभी जमीनों की दलाली प्रदेश के मंत्री अमरजीत भगत के नजदीकी दलालों के द्वारा की गई है।कामारीमा में जो शिकायत जमीन दलालों के विरुद्ध की गई है उसमें प्रमुख रूप से कांग्रेसी नेता हलीम फिरदौसी का नाम सामने आया है। इसके प्रमाण भी मिले हैं। यदि पिछले 3 सालों में जशपुर में जमीन की खरीद-फरोख्त के रजिस्ट्रीओं की जांच की जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि लगभग सभी जमीन स्टील प्लांट कंपनी के द्वारा अपने मातहत कर्मचारियों के नाम तथा हलीम फिरदौसी के माध्यम से खरीदी गई है। जमीनों की दलाली करने वाले इस नेता को प्रदेश के मंत्री अमरजीत भगत का संरक्षण प्राप्त है। अमरजीत भगत वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री के काफी करीबी माने जाते हैं। और उनके द्वारा जशपुर जिले में जमीन दलालों को संरक्षण देना कहीं ना कहीं इस कार्य में उनकी संलिप्तता को दर्शाती है।कांग्रेसी नेता हलीम फिरदौसी के द्वारा अपने फेसबुक अकाउंट पर अमरजीत भगत के साथ उत्तर प्रदेश चुनाव कार्यक्रम में शामिल होने के चित्र को दिखाते हुए कहा कि इससे बड़ा और क्या प्रमाण होगा कि प्रदेश के एक मंत्री के द्वारा ऐसे व्यक्ति को अपने साथ रखा जाता है। जिसके ऊपर जमीन दलाली की शिकायत थाने में दर्ज है।मामला पुलिस के पास विचाराधीन है।गणेश राम भगत ने कहा कि क्या सरकारी संरक्षण में जशपुर के गरीब किसानों की जमीन ऐसे ही दलालों के माध्यम से निगलने का षड्यंत्र हो रहा है। लेकिन हम इस षड्यंत्र को सफल होने नहीं देंगे।उन्होंने कहा कि सरकार में थोड़ी भी नैतिकता बची है और गरीब किसानों की चिंता है तो पिछले 3 सालों में जिले में हुए सभी रजिस्ट्रियों की जांच कर लें,दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।उन्होंने कहा कि इस सबन्ध में राष्ट्रीय जनजातिय आयोग को शिकायत की गई है।आयोग ने संज्ञान लेते हुए कलेक्टर और राजस्व सचिव को दिल्ली तलब भी किया है।जल्द ही आयोग की टीम शिकायत की जांच के लिए जशपुर पहुँचने वाली है। यदि गरीबो के जीवन से जुड़े इन मामलों की जिला प्रशासन द्वारा तत्काल जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही नही की जाती है।तब मजबूर होकर हम हजारों लोगों के साथ सड़को पर उतर कर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करेंगे।

बहरहाल प्रदेश के दोनों राजनीति पार्टी के दिग्गजों को अब एक बार फिर फर्जी जमीन रजिस्ट्री के मुद्दे को लेकर आमने सामने देखा जा रहा है।वहीं फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले दोषी ने खुद प्रशासन के सामने गुनाह कबूलनामा का आवेदन दे दिया है जिसके बाद जिला प्रशासन गहरी नींद में सो गई है।

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