Chhattisgarh
*Watch Video सावधान:- कहीं आप भी इस योजना के नाम पर ठगी के शिकार तो नहीं हो रहे,शासकीय भवन में नियमों को ताक में रखकर 4 सौ लोगों से बीमा के नाम लिए गए 20 लाख से अधिक रुपये, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और महिलाओं को स्वालम्बन से जोड़ने के नाम वसूला जा रहा 5 से 10 हजार, फर्जी तरीके से बनाया जा रहा स्टाम्प पर एफेडेविट……*
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3 years agoon
कोतबा,जशपुरनगर:- (सजन बंजारा की ग्राउंड रिपोर्ट) प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और महिलाओं को स्वालम्बन से जोड़ने के नाम पर प्रति हितग्राहियों से 5 से 10 हजार रुपये ऐंठने का संदिग्ध मामला सामने आया है। यह सब फर्जीवाड़ा शासकीय भवन सामुदायिक भवन में संचालित किया जा रहा है। मामला संदिग्ध होने पर ग्राउंड जीरो ई न्यूज़ ने प्रारंभिक पड़ताल में पूरे मामले को फर्जी पाया। वही मामले की सूचना जिला पुलिस अधीक्षक एसपी विजय अग्रवाल को दी गई जिस पर उन्होंने तत्काल मामले में संज्ञान लेते हुए जांच की बात कही है। मामले में समय रहते यदि उचित कदम कानूनी तौर पर नहीं उठाया जाता है तो आने वाले दिनों में हजारों की संख्या में लोग इस ठगी के शिकार हो सकते हैं।
क्या है फर्जीवाड़ा
इस योजना में महिलाओं को यह कहकर सब्जबाग दिखाया जा रहा है कि उन्हें 3 लाख रुपये इस योजना के तहत प्रदान किया जायेगा और उक्त राशि को 24 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपये जमा करना होगा। अर्थात 24 वर्षों में 2 लाख 40 हजार जमा होंगे, शेष बचे 60 हजार रुपये इस योजना के तहत माफ किये जायेंगे।
ग्रामीण महिलाओं से इसी योजना के नाम पर किसी से 5 हजार तो किसी से 10 हजार रुपये लिये जा रहे हैं। जिसका रसीद भी नही दिया जा रहा है। बल्कि इस अवैधानिक रूप से लिया जाने वाले राशि को यह कहा जा रहा है कि इससे बीमा किया जा रहा है।
पूरा मामला जशपुर जिले के फरसाबहार थाना के ठीक सामने पंचायत के द्वारा बनाये गये सामुदायिक भवन में ऑफिस खोलकर यह गोरख धंधा खुलेआम चलाया जा रहा हैं।
ग्राउंडजीरो ई न्यूज को जैसे ही इस बात का पता चला तो टीम ने इसकी तहकीकात करने वहां पहुँची इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और कुनकुरी विधानसभा से किसान मोर्चा पार्टी से चुनाव लड़ने अभ्यर्थी सतमन साय वहाँ मिले। जब ग्राउंडजीरो टीम ने उनसे सवाल किया तो उन्होंने इस योजना का जशपुर जिले का संचालक बताया। टीम के द्वारा जब उनसे यह पूछा गया कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिये उन्हें इस योजना के तहत कोई नियुक्ति पत्र दिया गया है या नही और क्या इस योजना के संबंध में कोई वैध प्रमाणित दस्तावेज है.तो उन्होंने गोल मोल जवाब देते हुये सारी बात कंपनी और इस योजना से जुड़े लोगों को जवाबदार ठहराया और कोई भी वैध दस्तावेज नही दिखाया गया।
पूरे छत्तीसगढ़ में पिछले एक सालों से चिटफंड कंपनियों के खिलाफ उपभोक्ता और उसके एजेंट के द्वारा सड़क पर उतरकर विरोध किये जाने के बाद कंपनियों के मुख्य सरगनाओं को हवालात में बंद है और इस चिटफंड कंपनी में अरबों रुपये डूब गये और गरीब वर्ग के लोग सड़क पर आ गए है।
*आठ माह में 4 सौ से अधिक लोगों से 20 लाख से अधिक की अवैधानिक वसूली*
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के नाम पर लोगों से 5 से 10 हजार रुपये बीमा के नाम से लेने वाले सतमन साय का कहना है कि आठ माह से यह योजना का संचालन कर रहें है। अभी तक 4 चार सौ लोगों का फार्म भरा जा चुका है.मतलब चार सौ लोग रुपये दे चुके है.इन चार सौ लोगो में प्रति व्यक्ति 4 चार हजार का हिसाब लगाया जाये तो 20 बीस लाख से अधिक की राशि होगी.बिडंबना है कि गरीब महिलाओं को स्वालंबन का राह6 दिखाकर उनके गरीबी का मजाक उड़ाया जा रहा है। ग्राउंडजीरो न्यूज ने इस योजना के बारे में इंटरनेट साइट पर जाकर पतासाजी किया तो इस तरह की कोई योजना हिंदुस्तान में संचालित नहीं है और इस योजना के नाम पर गरीब परिवारों से रुपये ऐंठकर ठगी किया जा रहा है।पीड़ित परिवार के लोगों ने नाम साझा नही करने के शर्त में बताया कि इस योजना के लाभ लेने के लिये आधार कार्ड,बैंक पासबुक,फोटो,पैनकार्ड,के साथ ही 5 से 10 हजार रुपये लिये गये हैं.पीड़ित हितग्राहियों का कहना है कि उन्हें एक माह के अंदर उक्त राशि को भुगतान खातों में कर दिया जायेगा।लेकिन आठ माह बीत जाने के बाद भी उन्हें नही मिला है.जिसके कारण उन्हें ठगी होने का एहसास हो रहा है।
*50 के स्टाम पेपर में 300 लिये नोटरी के नाम पर*
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उन्हें इस योजना के लाभ लेने के लिये 3 तीन सौ रुपये नोटरी के नाम पर लिया गया है.जबकि पीड़ितों का कहना है कि खाली कोरे स्टाम में हस्ताक्षर करा लिया गया है.और उनकी अनुपस्थिति में लिखकर वकील के द्वारा नोटरी किया गया है।जबकि कोर्ट के सख्त निर्देश जारी किया है कि जिन व्यक्तियों के नोटरी किये जाते है।उनकी उपस्थिति अनिवार्यता है उसके साथ ही पुष्टि के लिये कोई वैध दस्तावेज जैसे आधारकार्ड,अंकसूची और दो गवाह होना आवश्यक होता है।
इस खबर के अगले अंक में हम आपको उन लोगों की भी जानकारी देंगे जो इस फर्जीवाड़े के शिकार होंगे। वहीं शासकीय भवन में किस नियम प्रक्रिया के तहत यह दिया गया और इसमें कौन लोग जुड़ें हैं, उसका भी खुलासा करेंगे।