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*सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की हो रही है अनदेखी,राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे बने स्कूलों के बच्चों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे कई सवाल, जिले का नामचीन केंद्रीय विद्यालय में जान हथेली पर लेकर हर रोज हजारों बच्चे और अभिभावक जाते हैं स्कूल,कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना…ग्राउंड जीरो न्यूज में देखें वीडियो, जिला मुख्यालय की क्या है स्थिति और कौन है इसका जिम्मेदार…?*

 

जशपुरनगर:- एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में महामारी से भी अधिक मौतें प्रतिदिन रोड एक्सीडेंट से हो रहे हैं।इसकी जानकारी न केवल सरकारों को है बल्कि न्यायलयों के द्वारा भी कई बार इस ओर सरकारों का ध्यान आकर्षित कराया गया है।उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि देश के हर स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के बारे में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का पूरी तरह क्रियान्वयन हो।आपको बता दें कि हाईवे किनारे चल रहे स्कूल बच्चों के लिए खतरा बन रहे हैं। स्कूलों की छुट्टी के समय हाइवे पर जाम लग जाता है। इस दौरान अधिक वाहनों के कारण हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है।लेकिन, जिम्मेदार इस समस्या से बेखबर हैं। वैसे तो राष्ट्रीय राजमार्ग के आसपास स्थित स्कूलों के पास पुलिस को स्वयं ही ट्रैफिक नियंत्रण हेतु पहल की जानी चाहिए।

आपको बता दें कि जशपुर जिला मुख्यालय के शहर से 3 किलोमीटर दूर डोड़काचौरा में संचालित केंद्रीय विद्यालय जाने हेतु एकमात्र मार्ग है।वह भी एनएच 43 को पार करके जाना होता है। चूंकि केंद्रीय विद्यालय जशपुर में बच्चों को लाने लें जाने हेतु कोई सुविधा नहीं है इसलिए अधिकांश बच्चे या तो स्वयं के साधन से जाते हैं या उनके अभिभावक लेकर जाते हैं। जिसके कारण स्कूल जाने और छुट्टी के समय काफी भीड़ रहती है।
ग्रामीण सड़क से एनएच 43 पर जाते ही तेजगति से आनेवाले वाहनों के कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
विदित हो कि जशपुर से 10किमी दूर ग्राम घोलेंगे में भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर होलीक्रास स्कूल संचालित है जहां पूर्व में एनएच पर बड़ी दुर्घटना हो चुकी है।जिसमें एक छात्र की मृत्यु भी हो चुकी है जिसे लेकर काफी हंगामा भी हुआ था और उस समय भी यह बात उठी थी किन्तु समय बीतने के बाद स्थिति जस की तस हो गई है।

वहीं आपको बता दें कि अभिभावकों का कहना है कि केंद्रीय विद्यालय आने जाने में एनएच पर ना तो कोई ट्रैफिक पुलिस रहता है और ना ही कोई स्टॉपर या ब्रेकर मौजूद है।जिससे वहां पर हर रोज अभिभावकों और बच्चों को परेशानी होती है और बड़ी दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है।

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