Jashpur
*बिग ब्रेकिंग:-जशपुर में मूसलाधार बारिश के बीच अखिल भारतीय जनजातिय सुरक्षा मंच के नेतृत्व में डिलिस्टिंग और बाक्साइड उत्खनन सहित कई गम्भीर मुद्दों को लेकर हजारों लोग छाता लेकर उतरे सड़क पर,राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत विभिन्न मुद्दों पर जमकर गरजे,जिले के दो नामचीन विधायकों को लेकर कहा षड्यन्त्रकारी…. पढ़िए ग्राउंड जीरो न्यूज में किन मुद्दों पर बरसे…….देखिये वीडियो।*
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2 years agoon
जशपुरनगर:- पिछले 15 वर्षों से भी अधिक समय से अखिल भारतीय जनजातिय सुरक्षा मंच के नेतृत्व में डिलिस्टिंग को लेकर जनांदोलन छिड़ा हुआ है ।गणेश राम भगत के राष्ट्रीय संयोजक बनने के बाद यह मुद्दा देशव्यापी हो चुका है ।आंदोलन के प्रभाव का अंदाजा इस आधार पर लगाया जा सकता है कि डिलिस्टिंग के विरोध में भी ईसाई आदिवासी महासभा के द्वारा आंदोलन छेड़ दिया गया है ।
जहां चक्रवाती तूफान से पूरा देश पानी से सराबोर है जिसका प्रभाव पिछले तीन दिनों से जशपुर में भी है बावजूद इसके गूगल रिपोर्ट के अनुसार 94% बारिश होने के बाद भी जनजातिय सुरक्षा मंच के आह्वान पर ग्राम बगीचा में हजारों की संख्या में लोग छाता लेकर सड़को पर उतरे और न केवल उतरे बल्कि ढोल नगाड़ों के साथ नारे बाजी करते हुए बगीचा के आकाश को गुंजायमान कर दिया ।
लगभग 3 किमी की रैली के पश्चात बगीचा के बाजार डांड़ में विशाल आमसभा आयोजित हुआ जिसमें बोलते हुए राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत न केवल डिलिस्टिंग बल्कि जशपुर के कईं ज्वलंत मुद्दों पर जमकर गरजे ।सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डिलिस्टिंग तो होकर रहेगा चाहे कोई इसका कितना भी विरोध करे।उन्होंने इसे जनजातियो के साथ पिछले 75 वर्षों से हो रहा अन्याय बताया और कहा कि देश के 12 करोड़ जनजातियो को इस अन्याय से मुक्ति दिलाने हेतु जनजातिय सुरक्षा मंच ने कमर कस लिया है और इस सबन्ध में जब तक स्पष्ट कानून नहीं बनेगा हम चुप बैठने वाले नहीं है । साथ ही 4 सितंबर को जशपुर के कम्युनिटी हाल में एकता परिषद के द्वारा आयोजित कार्यक्रम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश के आजादी का नेतृत्व करने वाले नेताओं और भारत के संविधान सहित हिन्दू धर्म की आस्था पर चोंट पहुँचाने वाला व्यक्ति आखिर प्रशासन की गिरफ्त से बचकर कैसे निकल गया ।उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो जनजातिय सुरक्षा मंच जशपुर में इसी तरह हजारों की संख्या में सड़क पर उतरकर प्रशासन का हुक्का पानी बन्द कर देगा ।पाठ क्षेत्र में एक महीने से बाक्साइड खनन को लेकर हो रही नोटंकी को लेकर भी उन्होंने कई सवाल उठाए और कहा कि पिछले एक महीने से जशपुर में बाक्साइड उत्खनन को लेकर नाटक चल रहा था ।
सबसे पहले क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी रायगढ़ के नाम से एक पत्र समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ जिसमें लिखा था 22 सितंबर को सरधापाठ में बाक्साइड उत्खनन को लेकर जनसुनवाई आयोजित है।
उंसके बाद जब स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा लोग इसके विरोध की तैयारी करने लगे और प्रदेश सरकार पर आरोप लगने लगे तब जिले के दो विधायक का बयान मीडिया में आया उनके द्वारा बयान दिया गया कि जशपुर में बाक्साइड खनन नहीं होने देंगे ।उन्होंने बयान में यह भी झूठ बोला कि इस सबन्ध में वे लोग मुख्यमंत्री से बात किए हैं और उन्होंने जनसुनवाई को स्थगित कर दिया है ।
जनता उनकी बातों पर विश्वास नहीं कि और विरोध करने की योजना बनती रही ।
इसी बीच 26 /8/2022 को फिर से क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी रायगढ़ का एक पत्र प्रकाश में आया जिसमें कहा गया कि उनके पास जिला प्रशासन का प्रस्ताव बाक्साइड उत्खनन के लिए आया था लेकिन उन्होंने उस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया है ।और उनकी और से कोई जनसुनवाई आयोजित नहीं है ।
इस मामले में कई सवाल उतपन्न होते हैं:—
1 जिला प्रशासन ने किस आधार पर और किसके आदेश पर पर्यावरण विभाग को जनसुनवाई करने का प्रस्ताव भेजा था ?
क्या इसका जबाब प्रदेश सरकार ,जिला प्रशासन और दोनों विधायकों को जनता को नहीं देना चाहिए ?इस प्रस्ताव को भेजने के पीछे आपका आशय क्या था ?क्या आप जशपुर के पाठ क्षेत्रों को बर्बाद करने की गुपचुप योजना नहीं बनाए थे ?क्या आपने पाठ क्षेत्र के लोगों को धोखा नहीं दिया ?
2जब पर्यावरण विभाग ने कोई अधिसूचना जारी ही नहीं कि थी तो 22 सितंबर को जनसुनवाई करने का फर्जी नोटिस किसने बनाया था ?क्या उंसके विरुद्ध कार्यवाही नहीं होनी चाहिए ?
3जब पर्यावरण विभाग ने जनसुनवाई आयोजित ही नहीं कि थी तो दोनों विधायक किस जनसुनवाई को मुख्यमंत्री से बात करके निरस्त करवाये ?क्या इसका जबाब दोनों विधायकों को जनता को नहीं देना चाहिए ?
इस मामले में जशपुर जिले के दोनों विधायक प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन आपसी सांठ गांठ करके पाठ क्षेत्र को बर्बाद करने की योजना बनाये थे ।जो पकड़ा जा चुका है ।
आज में प्रदेश सरकार से मांग करता हूँ कि 22 सितबंर के जनसुनवाई के षड्यंत्र की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और इस षड्यंत्र में जो जो लोग शामिल थे उनके विरुद्ध जनता के साथ छल करने के लिए अपराध दर्ज कराया जाए ।
बहरहाल एक महीने पहले ग्राम कांसाबेल में आयोजित सभा मे प्राकृतिक कारण से लोगों की अधिक उपस्थित नहीं होने पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए थे और सोशल मीडिया में तंज कसा था कि अब गणेश राम भगत का तिलिस्म खत्म हो गया ऐसे लोगों को भी इस विपरीत मौसम में हजारों की संख्या में लोगों को जुटाकर श्री भगत तगड़ा जबाब दिया है ।
आज की इस रैली की चर्चा बगीचा क्षेत्र में जोरो से है और लोगों का कहना है कि बगीचा में पिछले तीन दिनों से मूसलाधार बारिश के कारण जहां लोगों का जरूरी काम से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है ऐसे मौसम में हजारों की संख्या में लोगों का रैली में शामिल होना वास्तव गणेश राम भगत को पिछले 40 वर्षों से मिल रहा जनता का समर्थन ही है ।लोगों ने यहां तक कह डाला कि जशपुर वास्तव में गणेश राम भगत के हाँथो में ही सुरक्षित है ।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नयु राम भगत,चंद्रदेव ग्वाला, रोशन प्रताप सिंह,राजू गुप्ता सन्ना,रम्मू शर्मा,रामलाल यादव,लालदेव भगत ddc, विशु शर्मा,सन्तन यादव,अमर भगत,हरिराम नागवंशी,जंतु राम,तेजन साय,शिवप्रसाद भगत,बलसाय पैंकरा जैसे सैकड़ों मुख्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।