जशपुरनगर:-छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को बजट में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की. इस घोषणा के बाद से ज़िले सहित प्रदेश के कर्मचारियों में खुशी का माहौल है. पुरानी पेशन बहाली की घोषणा के बाद कर्मचारियों ने जिले भर में खुशियां मनाई. एक दूसरे को रंग गुलाल लगाया, पटाखे फोड़कर और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इज़हार किया.
*क्या कहना है कर्मचारियों का:-*
पुरानी पेंशन बहाली हेतु बनी कर्मचारियों की संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक अनिल श्रीवास्तव, विनय सिंह, संतोष टांडे, रियाज अंसारी ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के लिए खुशियां लेकर आया है. पुरानी पेंशन से कर्मचारी आर्थिक और सामाजिक रूप से सुरक्षित होंगे.
संयुक्त मोर्चा के जिला सचिव सैय्यद सरवर हुसैन, लीलाम्बर यादव व शकील खान ने प्रदेश व जिले के सभी कर्मचारी साथियों को हार्दिक बधाई देते हुए बताया कि लंबे समय से पुरानी पेंशन लागू करने की मांग की जा रही थी. इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को बहुत बहुत धन्यवाद. इस निर्णय से कर्मचारी- अधिकारियों के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी. कर्मचारी और अधिकारी आर्थिक रूप से अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगे और पहले से बेहतर कार्य कर पाएंगे.
ब्लॉक संयोजक गोविंद मिश्रा, नरोत्तम पटेल, महानन्द सिंह, विवेक चौधरी, कलेश्वर यादव, मुनेश्वर यादव, धनुराम यादव, संतोष पैंकरा, डमरूधर स्वर्णकार सहित सभी कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज का दिन कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपुर्ण दिन है। पुराना पेंशन हमारे बुढ़ापे का सहारा है.
*2004 में लागू हुई थी नई पेंशन स्कीम (NPS)*
एक अप्रैल 2004 में तत्कालीक सरकार ने डिफेंस सर्विसेज को छोड़कर बाकी सरकारी सेवाओं में नई पेंशन स्कीम लागू कर दी थी. एक अप्रैल 2004 के बाद सरकारी सेवा ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को नई पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है. सरकार ने इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था, लेकिन धीरे-धीरे अधिकतर राज्यों ने अपने यहां भी नई पेंशन स्कीम लागू कर ली थी.
*ओल्ड पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम में अंतर*
पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी. वहीं, नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है. साथ ही इसमें 10 फीसदी हिस्सा सरकार मिलाती है. पुरानी पेंशन योजना में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन का भुगतान किया जाता था. वहीं, नई पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित है और इसका भुगतान बाजार पर निर्भर करता है. पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा होती थी, लेकिन नई स्कीम में जीपीएफ की सुविधा नहीं है. पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी. जबकि नई पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
*पुरानी पेंशन योजना से कितना होगा फायदा*
पेंशन योजना में आने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के बाद पूरी रकम मिलने के बाद बेसिक सैलेरी का करीब करीब 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर मिल जाता है. वहीं राज्य कर्मचारियों पर प्रतिवर्ष लागू होने वाले होने इंक्रीमेट का फायदा भी मिलता है. वहीं, नौकरी में रहते हुए कर्मचारी के खाते से पेंशन पेटे कोई कटौती नहीं होती है.