Jashpur
*सरोकार:– पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर विकास अभिकरण समिति की हुई बैठक, पिछड़ी जनजाति के लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा एवं उनके आजीविका उपार्जन के लिए किया जाएगा विशेष प्रयास………..*
Published
3 years agoon
By
Rakesh Gupta
जशपुरनगर 08 फरवरी 2022/पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर विकास अभिकरण समिति की बैठक आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में समिति के अध्यक्ष श्री मनकुराम की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए कार्यायोजना पर चर्चा, अनुमोदन एवं कार्य एजेन्सी का निर्धारण सहित अन्य बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर समिति के सदस्य श्री गोसनाथ, श्री मुकुंद, अपर कलेक्टर श्री आई.एल.ठाकुर, आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री बी.के.राजपूत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री रंजीत टोप्पो, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री आर.एस.तोमर सहित जनपद सीर्इ्रओ उपस्थित थे।
बैठक में पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर क्षेत्र के विकास हेतु केद्रीय क्षेत्रीय योजना मद अंतर्गत वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना के संबंध में जानकारी देते हुए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने बताया कि योजना के तहत् विशेष पिछड़ी जनजाति के छात्रों हेतु आवश्यक सामग्री जुता, जुराबे, स्वेटर का वितरण, विशेष पिछड़ी जनजाति हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम, परम्परागत क्रीडा प्रतियोगिता का आयोजन के साथ ही क्षेत्रों में सिंचाई के लिए टेपिंग सरफेस वाटर, अधोसंरचना विकास, सामुदायिक बिक्री सह भण्डारण केन्द्र का निर्माण हेतु हितग्राही चयन एवं स्थान चिन्हांकन किया जा रहा है जिसके अनुमोदन हेतु कार्य प्रस्तावित है। साथ ही बैठक में पूर्व वर्ष के लंबित कार्यों की समीक्षा करते हुए लंबित कार्यों को जल्द से जल्दपूर्ण कराने कहा गया।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग को विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण एवं स्वच्छता जागरूकता के लिए शिविर का आयोजन करने की बात कही। साथ ही उद्यानिकी विभाग में संचालित योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों का चयन कर उन्हें फसल उत्पादन में वृद्धि हेतु प्रशिक्षण सह परामर्श व रोपण सामग्री, बीज वितरण कराने कहा गया। साथ ही उन्हें रोजगार मूलक कार्य प्रदान करने हेतु उनका कौशल विकास करने की बात कही गई। बैठक में विशेष पिछड़ी जनजाति के सभी व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विभाग के अधिकारी कर्मचारी को अपनी अहम भूमिका निभाने के निर्देश दिए गए। जिससे की उन्हें विभिन्न शासकीय योजनाओं के बारे में जानकारी हो सके और वे इसका लाभ आसानी से उठा सके। इस हेतु उन्हें शिक्षा के साथ ही उनके आजीविका के संसाधन प्राथमिकता से उपलब्ध कराने की बात कही गई।