Chhattisgarh
*मांग:- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका प्रतिदिन 108 रुपये में कर रही काम, इस विकराल महंगाई जमाने में इसे जीने लायक वेतन कैसे कहा जा सकता है,छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संघ ने महिला बाल विकास मंत्री एंव स्वास्थ मंत्री को सौंपा ज्ञापन….*
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3 years agoon
रायपुर/जशपुर। प्रदेश के 1 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के मांगो के पुर्ति के लिए छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने स्वास्थ्य मंत्री एंव महिला बाल विकास मंत्री को ज्ञापन सौंपा। संघ ने ज्ञापन देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत 50 हजार आंगनबाडी और मिनी आंगनबाड़ी संचालित केन्द्रो में लगभग 1 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकायें कार्यरत हैं, जो सभी महिलायें हैं और इसमें से अधिकांश गरीबी रेखा से निचे जीवन यापन करने वाले हैं। विधवा परित्यक्ता हैं जिनको शासन की मदद की जरूरत है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकायें केन्द्र और राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण कार्यों का र्निवहन करती हैं जो शासकीय कर्मचारी नहीं कर सकते उसे इनको करना पडता है।
संघ ने मंत्री द्वय से कहा कि महिलायें व बच्चों के कुपोषण से मुक्ति दिलाना , गर्भवती महिला के गर्भ होने से उसके बच्चों का स्वास्थय रक्षा और अच्छे स्कुल जाने तक की जिम्मेदारी निभाते हैं।
इसी तरह पल्स पोलियो , अन्य टिकाकरण , मतदाता सूची के निर्माण से लेकर मतदान तक की जिम्मेदारी जनगणना और अन्य प्रकार के राष्ट्रीय कार्यों में भागीदारी निभा रही हैं । कोविड 19 के महासंक्रमण काल में भी अपने और अपने परिवार के जान के परवाह किये बिना शासन के निर्देशों का पालन करते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण के तहत सुखा राशन पहुंचाना दुसरे राज्य से आने और सर्दी खांसी बुखार का सर्वे करना माक्स , सेनेटाईजर और लॉक डाउन में फंसे नागरिकों का मदद करना भोजन और अन्य सामग्रियां पहुंचाने का कार्य भी किया गया है।जिससे केन्द्र और राज्य सरकारों की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
वर्तमान में मेहनत के हिसाब से मानदेय बहुत कम है सहायिकाओं को 3250 रू . और कार्यकताओं को 6500 रू , मिनी कार्यकर्ताओं को 4500 रू . प्राप्त हो रहा है।
कार्यकर्ताओं को प्रतिदिन 108 रू प्राप्त होता है। इस विकराल महंगाई जमाने में इसे जीने लायक वेतन कैसे कहा जा सकता है । वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपनी पार्टी जनघोषणा पत्र में इस बात का का उल्लेख किया गया था कि हमारी सरकार आयेगी तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नरसरी शिक्षक के रूप में किया जावेगा। कलेक्टर दर पर वेतन दिया जावेगा लेकिन सरकार के ढाई वर्ष पूर्ण होने के बाद भी आज प्रयन्त तक पूरा नहीं हुआ । जनघोषणा याद दिलाने हेतु छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ पंजीयन क्र 409 के द्वारा माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को हजारों की संख्या में राखी भेज कर मांग पूर्ण करने का आग्रह किया गया था लेकिन आज प्रयन्त तक मांग पूरा नहीं हुआ।
आंगनबाडी कार्यकर्ता संघ ने कहा कि बहनों की संलग्न मांग को पूर्ण कराने की कृपा करें। संघ ने कहा कि हम आगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका मिनी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे । शिक्षाकर्मी जो पहले पंचायत के अधिन थे है इसी तरह प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता / सहायिका को भी इसी तरह शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे ।
मध्यप्रदेश और अन्य राज्य की तरह छत्तीसगढ़ में भी कम से कम 11000 हजार रूपये मानदेय स्वीकृत किया जाए ।
3. कांग्रेस पार्टी के चुनावी जन घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नर्सरी शिक्षक के रूप में उन्नयन करने की घोषणा की गई है ढाई वर्ष के बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया है शीघ्र पूरा कराई जावे ।
4. मिनी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को पूर्ण आंगनबाड़ी में परिवर्तित करें ।
5 सुपरवाईजर भर्ती में कार्यकर्ताओं को सतप्रतिषत लिया जावे ।
6. समुह बीमा मासिक पेंसन हेतु निति निधारित कर इसका लाभ दिया जावे ।