Jashpur
*आस्था:-सावन के दूसरे सोमवार को धर्मनगरी कोतबा,के सतिघाट शिवधाम में लगी भक्तों की कतार..दूर दराज से आकर हजारों लोगो ने किया जलाभिषेक..आस्था के इस केंद्र में प्रतिवर्ष बढ़ रही भक्तों की भीड़..देखिये वीडियो!*
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2 years agoon
कोतबा,जशपुरनगर:-सावन माह के दूसरे सोमवार को जिले के फरसाबहार विकासखण्ड डुमरिया,अम्बाकछार के हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने कोतबा स्थित सतिघाट शिवधाम पहुचे।
सुबह से ही भक्तगण फूल, दूध, बेलपत्र आदि लेकर मंदिर पहुंचकर भाव विभोर होकर जलाभिषेक करने लगे।
अम्बाकछार व डुमरिया से सैकड़ो भक्तगण ग्रामीण महिलाओं ने जल लेकर पदयात्रा करते हुए सतिघाट धाम पहुँचे जहाँ बारिश की बेरुखी से परेशान किसानों ने गुप्तेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर बारिश होने की मन्नते मांग मांगे।
जिस पद यात्रा दोनों गाँवो के ग्रामीण बाजे गाजे व डीजे में शिव गुणगान करते धर्मनगरी कोतबा स्थित सतिघाट शिवधाम पहुँचे। जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग व युवा सहित बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुये।यहाँ जलाभिषेक कर ग्रामीण मिन्नतों के साथ भैवनी नदी का जल कलश काँवर लेकर डुमरिया स्थित कालोदरहा शिवलिंग व आम्बाकछार के गाँवदरहा में जलाभिषेक कर बारिश होने व क्षेत्र की खुशहाली की कमना कर पदयात्रा किया गया।
सावन मास में धर्मनगरी कोतबा स्थित मंदिर को विशेष साज सज्जा से यहां के युवाओं द्वारा सजाया गया है.और यहां पहुँचने वाले भक्तों की सुरक्षा की जिम्मा लेकर तैनात रहते है। शिवालयों में भगवान शिव का दूध, जल आदि से अभिषेक किया गया। इस दौरान ओम नमः शिवाय व हर हर महादेव के जयकारे से शिवालय गूंजते रहे। भक्तों ने भोले बाबा के दर्शन का लाभ लिया। सावन में पूरे महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना होती है। सोमवार को पूजा का विशेष महत्व है। जिसके चलते सावन के दूसरे सोमवार को भक्तगण कतार में सुबह से ही भगवान शिव के दर्शन व पूजन के लिए शिवालयों में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया नगर के वार्ड क्रमांक 1 में स्थित सतिघाट धाम शिव मंदिर में सुबह चार बजे से ही भक्त भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए पहुंचने लगे थे। महादेव का अभिषेक के बाद भक्तों ने विधि-विधानपूर्वक पूजा अर्चना की। दिनभर मंदिर में भक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते रहे।मंदिर में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना के लिए पहुंचे भक्तों ने बताया कि सावन महीने के सोमवार को भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है, जिसके चलते वे व्रत रखकर मंदिर आकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर के पूजारी पंडित सुदामा शर्मा ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामना पूरी होती है। भगवान शिव का जल, दूध, नैवेद्य से अभिषेक करना चाहिए। भगवान शिव को विषैले पुष्प प्रिय हैं, इसलिए धतुरा, मदार व बेल पत्र आदि भगवान शिव को अर्पण कराना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी पर आकर मंदिरों में वास करते हैं, जिसके कारण सावन की शिव पूजा का विशेष महत्व होता है।
*क्षेत्र भर के श्रद्धालु हो रहे शामिल*
सावन मास के दूसरे सोमवार को क्षेत्र के डुमरिया,आम्बाकछार, गोलियागड़, फरसाटोली,गंझियाडीह, महुआडीह सहित विभिन्न क्षेत्र के लोग शामिल हुये सबसे अधिक महिलाओं ने कोतबा स्थित सतिघाट धाम में विराजे भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक करते हुये पूजा अर्चना कर वे अपने गांवो में स्थापित मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिये जल उठाकर 8 से 10 किलोमीटर पैदल गये दार्शनिक रूप में विकशित हो रहे सतिघाट धाम में दिनों दिन भक्तों के आवाजाही में भारी इजाफा हो रहा है यहां कल कल करके बहती भैवनी नदी और हनुमान जी के 31 फिट के बने मूर्ति सहित पौराणिक काल के अदभुत पत्थरों पर बने पहचान से लोग और अधिक आकर्षित हो रहे है लोगो सहित यहां के बुजुर्गों का मानना है कि इसी राह से भगवान राम और सीता का गमन हुआ था उनके द्वारा रखे केला आम जो पत्थरों पर निशान दिख रहे है वह वास्तविकता है लोगो का मानना है कि पत्थरों पर बने निशान में हिरण का वध भी किया गया है जिसके रक्त के निशान आज भी उस काल को उन्हें याद दिलाते है,यह मान्यता आदिकाल से चलते आ रहे है जिसकी वे अनुकरण करते है यह जगह में बिशेष रूप से सनातन धर्म से जुड़े लोगों ने जीवंत रखा है यहां प्रतिदिन विशेष पूजा पाठ और रात्रि आरती का आयोजन किया जाता है।वही प्रति सोमवार की संध्या में आकर्षक भव्य श्रृंगार दर्शन कर महाआरती का भी आयोजन किया जा रहा है।
*डोंगादरहा स्वयंभू शिवलिंग के जलाभिषेक करने दूर दराज से पहुंच रहे भक्तगण*
नागलोग के ग्राम पंचायत डोंगादरहा के सेमेरढाब स्थित स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर जलाभिषेक कर लिए हजारों श्रद्धालु दूर दराज से पहुंच रहे है जशपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों सहित रायगढ़ जिले व ओड़िसा के सीमावर्ती ग्रामों के श्रद्धालुगण भारी तादात में पहुंच रहे है।यहाँ सावन के सोमवार व महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजन करने पदयात्रा कर पगडंडियों के सहारे श्रद्धालु पहुंच रहे है।यहाँ भैवनी नदी की जलधारा में शिवलिंग कई समय तक जलमग्न हो जाते है। इनके दर्शन के लिए भक्त बहती जलधारा में उतार कर पूजार्चना करते है।यहाँ की मान्यता की है यह स्वंयभू शिवलिंग मनोकामना लिंग है इनके दर से जो भी आया अपनी मन चाही मुरादे पूरी कर के गया है।