Jashpur
*jashpur News:-सामुदायिक भागीदारी के तहत इच्छुक शिक्षकों ने स्कूली बच्चों के साथ किया न्योता भोजन,प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत न्योता भोजन में शामिल हुये जनप्रतिनिधि..!*
Published
7 months agoon
जशपुरनगर:-छत्तीसगढ़ के स्कूलों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन को सामुदायिक भागीदारी की बदौलत और अधिक पोषक बनाने की अभिनव पहल की गई है।
आज इसी के तहत संकुल केन्द्र कलिया / बुंटंगा के अन्तर्गत आने वाले प्रा. शा. रंगपुर, प्रा० शा० डुमरपानी प्रा. शाला कुरहाटेपना प्रा० शा० कलिया, पहाडी कोरवा बालक आश्रम शाला कलिया एवं मा० शाला कलिया में न्योता भोजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पंचायत-प्रतिनिधि एवं ग्रामीण एवं शिक्षक / शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। न्योता भोजन में विभिन्न प्रकार के पकवान एवं फल सामिल था। जैसे चावल, दाल, हरी सब्जी अचार पापड़, चटनी, पनीर, पुरी आदि। सभी ने न्योता भोजन की तारीफ की। न्योता भोजन में शामिला व्यक्तियों के नाम प्रा. शा. रंगपुर में निर्मल कुमार तिर्की शैक्षिक समन्वयक सुन्दर साय पंच, सुमन सिंह , शिक्षक भुलन राम, बुधराम, बनबीर केरकेट्टा एवं ग्रामीण उपस्थित रहे वही मा.शाला. कालिया के अमृत राम खालखो, संदीप एक्का, प्रीति अमला मिंज, बलवन्त पटेल, परमानंद, प्रा. शा. डुमरपानी से भी कैलाश राम, शंकर राम, प्रा. शा. कुढातेपना से इग्नायूस कुजूर, मेरी रजनी एक्का एवं गांव के नागरिक शामिल रहे।
आपको बता दें शाला अवधि में विद्यार्थियों को भोजन प्रदाय करने के लिए संचालित प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना गाईडलाइन में सामुदायिक आधार पर तिथि भोजन के प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में इसे ‘न्योता भोजन’ के नाम से लागू करने का निर्णय लिया गया है।
शैक्षणिक समन्वयक निर्मल कुमार तिर्की ने बताया कि न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास, भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है। न्योता भोजन की अवधारणा सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन, स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं। अथवा अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकेंगे। न्योता भोजन, स्कूल में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं होगा, बल्कि यह विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा।
शिक्षक भूलन राम ने बताया कि यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों/त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं। यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं।
शिक्षक बुधराम,बनबीर केरकेट्टा ने बताया कि ध्यान रहे न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है।
*न्योता भोजन’ के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली सामग्रियां..!*
प्रदान की जाने वाली सामग्री में शाला के लिये पूर्ण भोजन, कक्षा विशेष के लिये पूर्ण भोजन अथवा अतिरिक्त पोषण आहार हो सकता है। इसके अतिरिक्त पूर्ण या अतिरिक्त पोषण हेतु सामग्री प्रदान की जा सकती है जिसे शाला के रसोईयों के द्वारा बनाकर बच्चों को परोसा जा सकता है। दान-दाताओं द्वारा प्रदान किया जाने वाला खाद्य पदार्थ अथवा सामग्री उस क्षेत्र के खान-पान की आदत (फुड हैबिट) के अनुसार होनी चाहिए। पूर्ण भोजन की स्थिति में नियमित रूप से दिये जाने वाले भोजन के समान बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है। फल, दूध, मिठाई, बिस्किट्स, हलवा, चिक्की, अंकुरित खाद्य पदार्थ जैसे सामग्री, जो बच्चों को पसंद हो का चुनाव अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। पौष्टिक एवं स्वादिष्ट मौसमी फलों का चयन भी पूरक पोषण सामग्री के रूप में किया जा सकता है। मौसमी फल अपेक्षाकृत सस्ते एवं पौष्टिक होते है। शाला में बच्चों से पूछकर भी ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची तैयार की जानी चाहिये जो बच्चे ‘न्योता भोजन’ में खाना चाहते हो। इस सूची को दान-दाताओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे वे बच्चों के पसंद की खाद्य सामग्री का अपने बजट के अनुसार चयन कर बच्चों को ‘न्योता भोजन’ में उपलब्ध करा सकें। ‘न्योता भोजन’ हेतु किसी प्रकार की कैश, चेक शाला द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।