Connect with us
ad

Chhattisgarh

*गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गुरुपद बाबा संभव राम जी ने  मानव कल्याण का दिया सन्देश………*

Published

on

IMG 20220713 WA0014

धर्म एक सामाजिक व्यवस्था है

मंगलवार दिनांक 12 जुलाई 2022 को गुरुपूर्णिमा की पूर्व संध्या पर अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम, पड़ाव, वाराणसी के पुनीत प्रांगण में पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब देते हुए पूज्यपाद बाबा गुरुपद संभव राम जी ने कहा- धर्म एक-दूसरे से लड़ाता नहीं, वरन् एक-दूसरे से मेल करता है और जीने की कला सिखाता है। आजकल जो द्वन्द चल रहे हैं उसका कारण जानकारियों का अभाव है। पूर्णतः हम उस धर्म के बारे में अवगत नहीं हैं। धर्म तो एक सामाजिक व्यवस्था को कहा जाता है। धर्म हमेशा जोड़ता है और एक सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाता है। लड़ाई-झगड़ा अल्पज्ञान का द्योतक है। कहीं-कहीं कोई मजबूरियां होती है तो कुछ उन्नीस-बीस हो जाता है लेकिन उसको भी शांति से सौहार्दपूर्ण वातावरण में सही कर लिया जाता है।
इसी कड़ी में वाम मार्ग के सबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में पूज्य बाबा ने कहा- यह सही है कि यह परम ब्रह्म तक पहुँचाने का मार्ग है, जो इसके लिए प्रयत्नशील रहते हैं, जो समर्पित रहते हैं, जिनमे श्रद्धा, विश्वास और आस्था है, वह उस तक पहुँचते हैं। लेकिन इसका जो दुष्प्रचार करते हैं, यह उनकी जलन और एक-दूसरे को नीचा दिखाने की प्रवृत्ति है। इस सबका साधकों के ऊपर कोई असर नहीं पड़ता और इसका कोई औचित्य भी नहीं है। यह समाज और राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण इसलिए है कि इसमें सिखाया जाता है कि पहले आप मनुष्य बनिए। मानवता की सेवा और राष्ट्रीयता की भावना एक-दूसरे में भरते हैं और लोगों के कष्ट-दुःख को दूर करने की प्रेरणा देते है तथा उनके लिए कुछ-न-कुछ प्रयत्न करते हैं कि वह भी सुख-शांति और निर्भयता से अपना जीवन जीयें। यह काफी बड़ा योगदान है जो अतौल है इसको तौला नहीं जा सकता।
गुरु-शिष्य से सम्बंधित एक प्रश्न के उत्तर में पूज्य बाबा ने कहा कि गुरु-शिष्य में प्रेम और विश्वास अगर है तो उसमें कमी नहीं आती है, उसमें बढ़ोत्तरी ही होती है। हाँ, यदि शिष्य के अन्दर चालाकी है या वह गुरु भी शिष्यों के प्रति जवाबदेह नहीं हैं, तो अवश्य इस तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। और उसका समाधान यही है कि आपको श्रद्धा-विश्वास  करना ही होगा। जिसके पास आप जा रहे हैं उन्हें पहले जान-समझ लीजिये। उनसे आप जो भी मांगते हैं, अपेक्षा करते हैं शिष्य बनने के लिए तो आपको उसके लिए समर्पित रहना ही पड़ेगा और समर्पित रहके तदनुरूप कार्य करियेगा तो इस तरह की समस्याएं नहीं आयेंगी। लेकिन यह दुनिया में सब तरह के मनुष्य रहते हैं, कोई कैसा है? कोई कैसा है, कनिका-कनिका, कहा नहीं जा सकता है।
आस्था और अन्धविश्वास में अंतर को स्पष्ट करते हुए पूज्य बाबा ने कहा कि आस्था या श्रद्धा आप कुछ लोगों पर कर सकते हैं लेकिन विश्वास बहुत कम लोगो पर किया जाता है और जिस पर आप विश्वास कर रहे हैं, वह आपको कहे कि इसको काट दो, इसको मार दो, इसको लूट लो, इसको बर्बाद कर दो और वह कार्य अगर आप करने जा रहे हैं तो वही अन्धविश्वास है। क्योंकि आप जान रहे हैं कि अपने कर्मों को गर्त में ले जाने से हमारी अवनति ही होगी, उन्नति नहीं होगी। इसी को अन्धविश्वास कहते हैं जिससे अपना भी बुरा होता है, अपने संस्कार भी डूबते हैं और अपना भला कभी नहीं होता है। कहा ही गया है कि बिन विश्वास न कौनो सिद्धि। विश्वास एक बहुत बड़ी चीज है, बहुत बड़ी शक्ति है। तो आस्था और अन्धविश्वास के बीच में आपको अपनी बुद्धि और विवेक से निर्णय लेना होगा तभी आप सफल हो पायेंगे।
आत्मज्ञान कैसे होगा?  गुरु दर्शित मार्ग पर श्रद्धा और विश्वास के साथ चलने पर ही आपका आत्मोद्धार होगा। अपने-आप में रहेंगे, अपने-आप का उद्धार करेंगे, अपने-आप का उद्धार मतलब सबका उद्धार। उसी से आत्मज्ञान भी प्राप्त होगा।
सीमित संसाधनों के साथ भी यदि व्यक्ति की भावनाएं अच्छी हैं,वह देश और समाज के लिए सोचता है, प्रार्थना करता है तो उस प्रार्थना में भी बहुत बड़ी शक्ति होती है। वह भी असाधारण कार्य कर जाते हैं। वह अपनी श्रद्धा, आस्था और विश्वास के बल पर बहुत कुछ कर जाते हैं। यदि बहुत बड़े-बड़े लोग जिनके पास बहुत से संसाधन हैं वह उसका दुरुपयोग करते हैं किसी की बुराई के लिए करते हैं, राष्ट्र और समाज के खिलाफ करते हैं तो उससे अच्छा तो एक साधारण व्यक्ति  होता है जो इन सब गुणों से भरपूर हुआ करता है। वह अपने-आप को उच्चतर स्थिति में ले जाता है, अपने संस्कार और संस्कृति को बरकरार रखता है।

Advertisement

RO NO- 12884/2

RO- 12884/2

RO-12884/2

Demo ad

RO- 12884/2

ad

Ad

Ad

Ad

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Chhattisgarh3 years ago

*बिग ब्रेकिंग :- युद्धवीर सिंह जूदेव “छोटू बाबा”,का निधन, छत्तीसगढ़ ने फिर खोया एक बाहुबली, दबंग, बेबाक बोलने वाला नेतृत्व, बेंगलुरु में चल रहा था इलाज, समर्थकों को बड़ा सदमा, कम उम्र में कई बड़ी जिम्मेदारियां के निर्वहन के बाद दुखद अंत से राजनीतिक गलियारे में पसरा मातम, जिला पंचायत सदस्य से विधायक, संसदीय सचिव और बहुजन हिन्दू परिषद के अध्यक्ष के बाद दुनिया को कह दिया अलविदा..*

IMG 20240821 WA0000
Chhattisgarh3 months ago

*बिग ब्रेकिंग:- विदेशी नागरिक को भारत में अनुसूचित जनजाति की भूमि क्रय करने का अधिकार नहीं ,बेल्जियम निवासी एच गिट्स के द्वारा फर्जी ढंग से खरीदी गई भूमि को जनजाति के सदस्य वीरेंद्र लकड़ा को वापस करने का ऐतिहासिक निर्णय कलेक्टर जशपुर डा रवि मित्तल ने सुनाया………..*

Chhattisgarh3 years ago

*जशपुर जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाले शिक्षक के बेटे ने भरी ऊंची उड़ान, CGPSC सिविल सेवा परीक्षा में 24 वां रैंक प्राप्त कर किया जिले को गौरवन्वित, डीएसपी पद पर हुए दोकड़ा के दीपक भगत, गुरुजनों एंव सहपाठियों को दिया सफलता का श्रेय……*