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Chhattisgarh

*रथ यात्रा:– रियासत काल से चली आ रही है विशेष परंपरा, इस तरह से यहां निकाली जाती है श्री जगन्नाथ रथ यात्रा, यश प्रताप सिंह जूदेव शामिल होकर ……………..*

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जशपुरनगर/दोकड़ा। *(टंकेश्वर यादव)* शुक्रवार को रथ यात्रा के पावन पर्व पर अंचल में भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा को धूमधाम से निकाली गई। श्रद्वालुओं ने विधि विधान से पूजा पाठ के बाद भगवान श्री जगन्नाथ,बलभद्र और बहन सुभद्रा को रथ में बैठा कर रस्सी के सहारे खिंचते हुये मौसी के घर पहुंचाया।जिले के दोकड़ा में आजादी के पूर्व से चली आ रही रथ यात्रा पर्व पर धूमधाम से आयोजन कर पुरोहित कुमोद चंद्र सतपथी महाराज द्वारा विधि विधान से पूजा अर्चना करते हुए श्री जगन्नाथ महाप्रभु,बलभद्र,बहन सुभद्रा का श्रृंगार कर उन्हें भव्य रथ में बैठाया गया,इसके बाद यहां के बस स्टैंड समीप मौसी बाड़ी तक ले जाया गया जहां हजारों की संख्या श्रद्धालु शामिल होकर भगवान श्री जगन्नाथ जी का दर्शन किए।इस मौके पर मेला का आयोजन भी किया गया,जिसमें आस पास दर्जनों गांव के लोग शामिल हुए।

*कस्तूरा में ऐतिहासिक रथ यात्रा का विशेष महत्व*

जिले में ऐतिहासिक रथ यात्रा का आयोजन दुलदुला विकासखंड में स्थित कस्तूरा में किया जाता है। रियासत काल से चले आ रहे इस रथयात्रा उत्सव का नेतृत्व जशपुर राज परिवार द्वारा ही किया जाता है।शुक्रवार की सुबह से ही यहां भक्तो में रथ यात्रा पर्व को लेकर बड़ी उत्साह देखने को मिली , यहां आयोजित रथ यात्रा महोत्सव में छेरापहरा पूर्व जशपुर रियासत के राजकुमार यशप्रताप सिंह जूदेव ने किया।परंपरा के मुताबिक कस्तूरा में जशपुर रियासत के राजा रणविजय सिंह जूदेव के सुपुत्र यशप्रताप सिंह जूदेव के नेतृत्व में रथ यात्रा उत्सव का आयोजन किया गया। यहां राजपुरोहित पुराणिक के नेतृत्व में पुरोहितों ने द्वारा स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा का नेत्रदान व सोलह श्रृंगार कर रथ यात्रा की तैयारी पूरी कर ली गई थी।शुक्रवार की सुबह से ही कस्तुरा के जगन्नाथ मंदिर में रथयात्रा देखने के लिए जिले के लोगों को हुजूम उमडने लगा था। दोपहर होते होते मंदिर परिसर का पूरा मैदान श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भर गया था। चारों और श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा था। मंदिर की घंटी और नगाड़े की थाप में भक्त झूम रहे थे। जयकारा लगा रहे थे। राज परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में ऐतिहासिक रथ यात्रा प्रारंभ हुई। इसके बाद जय घोष के बीच भगवान जगन्नाथ,बलभ्रद और माता सुभद्रा को रथ में बैठाया गया। रथ में बैठाने के बाद श्रद्वालुओं ने रथ के रस्सी को खींचते हुए रथ को मौसी बाड़ी तक ले गए। यहां तीनों देवताओं की प्रतिमाओं को मौसी की बाड़ी में स्थापित किया गया। इस दौरान जिले के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे श्रद्वालुओं के बीच रथ को खींचने की होड़ लगी। इस ऐतिहासिक रथयात्रा में शामिल होने के लिए जशपुर जिले के साथ ही पड़ोसी राज्य ओडीशा और झारखंड से भी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते है।रथयात्रा के त्योहार को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। इसमें शामिल होने के लिए भगवान जगन्नाथ के प्रांगण में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी। राज परिवार के द्वारा परंपरानुसार रथ की रस्सी खींच कर भगवान जगन्नाथ को मौसी बाड़ी के लिए विदा किया गया,अब यहां भगवान महाप्रभु श्री जगन्नाथ,बलभद्र,एवं बहन सुभद्रा 9 दिन तक मौसी के यहां विराजमान रहेंगे,उसके बाद वापस लौट आएंगे।

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