Jashpur
*एनईएस कॉलेज के समाजशास्त्र के विद्यार्थियों ने परीक्षा में अर्जित किए बेहतर अंक, प्राचार्य डॉ रक्षित ने कहा सामाजिक कुरुतियों को रोकने में छात्र-छात्राओं का प्रयास सराहनीय..*
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7 months agoon
जशपुरनगर। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय, सरगुजा ने एमए समाजशास्त्र, तृतीय सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित कर दिया है। इसमें शासकीय राम भजन राय एनईएस स्नातकोत्तर महाविद्यालय जशपुर नगर के समाजशास्त्र विभाग के छात्र-छात्राएं अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए। महाविद्यालय की छात्रा कु फुलसीता मिंज 77% अंक लाकर प्रथम स्थान पर, कु अनुकंपा मिंज 75% अंक लाकर द्वितीय स्थान, तथा कु संतोषी भगत 73% अंक लाकर तृतीय स्थान प्राप्त की साथ ही तृतीय सेमेस्टर के सभी विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी का अंक प्राप्त किए हैं।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजय रक्षित ने छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते पूरे विभाग को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया तथा कहा कि समाजशास्त्र विभाग के छात्र-छात्राओं ने अच्छा प्रदर्शन किया। समाजशास्त्र एक ऐसा विषय है जो जशपुर जिले में अनुसंधान के क्षेत्र में नई-नई तकनीक के माध्यम से कार्य कर सकते हैं , सामाजिक कुप्रथा को दूर करने में भी समाजशास्त्र विभाग के छात्र-छात्राएं समय-समय पर बाल विवाह रोकथाम और भी विभिन्न विषयों पर जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। समाजशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष जे.आर. भगत ने भी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में अनुसंधान के क्षेत्र में नया करने के विषय में बच्चों को मार्गदर्शन दिए। समाजशास्त्र विभाग के छात्र-छात्राओं ने लघु शोध एवं परियोजना कार्य के लिए भी जशपुर में स्थित शारदा पर्यटन का भ्रमण करके वहां के ग्रामीण समस्याओं के बारे में समझते हुए समस्याओं का निराकरण किस प्रकार से किया जाये। उस विषय पर कार्य कर रहे हैं।छात्र-छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विजय रक्षित की प्रेरणा और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जे. आर. भगत, अतिथि विद्वान विद्यावती भगत तथा अतिथि विद्वान शालिनी गुप्ता के कुशल अध्यापन व मार्गदर्शन को दिया।
एनईएस महाविद्यालय में समाजशास्त्र का द्वितीय वर्ष है इसमें चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने लघु शोध विषय के लिए जशपुर जिले के उरांव, बिरहोर,कोरवा जनजातियों के विषय में गहनता पूर्वक अध्ययन कर उन जनजातियों के अंतर्गत होने वाले विवाह पद्धति, उनकी संस्कृति रहन-सहन, शैक्षणिक योग्यता के विषय में शोध कर लघु शोध प्रबन्ध रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और नियमित अध्यापन के साथ ही नियमित टेस्ट ,ग्रुप डिस्कशन, सेमिनार ,सामाजिक कुप्रथाओं पर जागरूकता अभियान और भी विभिन्न गतिविधियों पर समय-समय पर जागरूकता रैली व कार्यक्रम चलाया जाता है।