*Watch Video:- जशपुर जिले में फिर उजागर हुआ लाखों रुपये का भ्रष्टाचार, मनरेगा में नाबालिक बच्चों के नाम फर्जी जॉबकार्ड बनाकर चल रही योजना, फर्जी हाजरी, फर्जी बिल और फर्जी भुगतान का मामला आया सामने। आखिर क्यों हो रही इतनी भर्राशाही……? सरकार ही बाल मजदूरी को दे रही कागजों में बढ़ावा, देखिये जशपुर भ्रष्टाचार का कैसे बन रहा गढ़…….*


जशपुर, सन्ना(राकेश गुप्ता):- जशपुर जिला के बगीचा ब्लाक में फिर एक बड़ा भ्रष्टाचार का उजागर ग्रामीणों ने किया है।यह उजागर तब हुआ जब गांव में लगी ग्राम सभा मे भारी हो-हंगामा होना शुरू हो गया।जहां ग्राम पंचायत के पदाधिकारी के साथ ग्राम पंचायत के मनरेगा के कार्यो का ऑडिट करने आये ऑडिटर और पुलिस बल भी मौजूद था।उसके बावजूद निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत के पदाधिकारी और ग्रामीणों के बीच जमकर विवाद हुआ।

पूरा मामला आपको बता दें कि बगीचा ब्लाक के कमारिमा ग्राम पंचायत में बीते कुछ दिनों से मनरेगा के कार्यों को लेकर काफी विवाद चल रही है जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से लेकर जिले के सभी आलाधिकारियों से कई बार की जा चुकी है। अब मामला तब उजागर हुआ जब कुछ दिनों से ग्राम पंचायत के मनरेगा के कार्यों की ऑडिट करने आये ऑडिटरों ने अंतिम में ग्राम सभा का आयोजन करा कर कार्यों की समीक्षा सत्यापन कराने ग्रामीणों को बुलवाया।वहीं जब ग्राम सभा का आयोजन हुआ तो ग्रामीणों ने कमारिमा पंचायत में मनरेगा के तहत हुए सभी कार्यों की पोल खोल कर रख दी। हालांकि ऑडिटर भी पूर्व में ही निर्माण कार्यों की मौके पर समीक्षा कर पूरी जानकारी इकट्ठा कर चुके थे।ग्रामीणों को ग्रामपंचायत में हुए सभी मनरेगा के कार्यों में असंतोष जताते हुए देखा गया। वहीं ग्राम पंचायत में आयोजित ग्राम सभा में बड़ी बात यह भी खुली की कमारिमा पंचायत में नाबालिक बच्चों के नाम भी फर्जी जॉब कार्ड बना कर फर्जी तरीके से कार्य किया जा रहा है।वहीं फर्जी मस्टररोल,फर्जी हाजरी और फर्जी बिल लगा कर शासन को लाखों लाखों रुपये का चुना लगाया जा रहा है।ऑडिटरों ने यहां तक बताया कि कई निर्माण कार्य मौके पर मौजूद ही नही हैं और लाखों रुपयों का फर्जी तरीके भुगतान भी किया जा चुका है।अब ग्रामीणों ने मनरेगा के कार्यों में लापरवाही बरतने वाले सरपंच सचिव और फर्जी भुगतान कराने वाले सबइंजीनियर,SDO और वार्ड पंचों के विरुद्ध fir दर्ज कराने की मांग किया है।
मामले में जब हमारे द्वारा ग्राम पंचायत के सचिव श्री यादव से बात किया तो उन्होंने बताया कि जिन कार्यों की विवाद चल रही है उस समय मैं इस पंचायत में पदस्थ नही था।हालांकि नाबालिक बच्चों का जॉब कार्ड बनाने और फर्जी हाजरी भरने का मामले आज ग्रामीणों ने प्रूफ के साथ हमारे समक्ष रखा।जहां फाइल में जगह का नक्सा खसरा कहीं और है कार्य कहीं दूसरे जगह पर है, ऐसी बात सामने आई है। कार्यों में कई तरह की लापरवाही सामने जरूर आई है परन्तु अभी उन मामलों में चर्चा ही चल रही है।

वहां ऑडिट करने आये ऑडिटरों भाईदूज नागेश ने भी ग्रामीणों का आरोप को सही ठहराया और उन्होंने बताया कि कमारिमा पंचायत में फर्जी हाजरी,फर्जी मस्टररोल, फर्जी बिल, फर्जी भुगतान किया गया है।जिसकी समीक्षा हमारे द्वारा की गई है इसकी पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दे दी जाएगी।

हालांकि ग्रामीणों ने यहां तक बताया कि इन सभी मामलों को कई बार उनके द्वारा उच्चाधिकारियों से शिकायत भी किया गया है परन्तु राजनीति रसूख पकड़ रखने वाले भ्रष्टाचारियों को बचाने जांच के नाम पर हमेशा लीपापोती ही ग्राम पंचायत कमारिमा में कर दी जाती है।हालांकि अब देखना यह होगा कि क्या पुनः ग्रामीणों के बातों को दरकिनार कर मामले को लीपापोती कर दी जायेगी।

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