Chhattisgarh
*watch video धर्मान्तरित को अपने जाति में मिलाने की अनोखी परम्परा —देखिए घांसी समाज ने खतना कर मुश्लिम बनाये बच्चे की कैसे की जाति में वापसी,,वहीं पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने कहा धर्मांतरण में शामिल मौलवी,डॉक्टर और शामिल लोगों की जब तक गिरफ्तारी नही होगी तब तक घांसी समाज के साथ जारी रहेगा आंदोलन……*
Published
3 years agoon
By
Rakesh Gupta
जशपुरनगर। (राकेश गुप्ता की रिपोर्ट) जिले के सन्ना थाना क्षेत्र में आठ साल के नाबालिग बच्चे के मतातंरण मामले को लेकर सोमवार को घांसी समाज के द्वारा सन्ना में विशाल सभा का आयोजन किया। इस सभा के दौरान मंच की अगुवाई में पीड़ित बच्चे के पिता ने पुलिस को ज्ञापन सौंप को मतातंरण की घटना में शामिल अन्य लोगों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। कार्यक्रम के दौरान मतातंरित बालक सहित परिवार को घांसी जाती के परम्परा व रीतियों का पालन कर जात में वापस लाया गया। कार्यक्रम में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत, कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट,प्रबल प्रताप सिंह जूदेव,कल्याण आश्रम के क्षेत्रीय मंत्री बीरबल राम,घासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष देवधन नायक के साथ प्रदेश भर से घासी समाज के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे। जात भितर कार्यक्रम में स्थानीय रहवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा कि मतातंरण की यह घटना घोर निंदनीय है। अबोध बालक के पिता को अंधेरे में रख कर जिस तरह से मतातंरण कराया गया है,यह हिंदू समाज के लिए बड़ी चिंता का विषय है। उन्होनें इस पूरे मामले में दोषियों के खिलाफ हुई कार्रवाई को जनता की जीत बताते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन को समझना होगा कि पीड़ित बालक के पिता इस घटना में शामिल अन्य दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहें है। यह मांग जब तक पूरी नहीं हो जाती है,जनजातिय सुरक्षा मंच और हिंदू समाज परिवार के साथ खड़ा हुआ है।प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि मतातंरण का कोई भी प्रयास सफल नहीं होने दिया जाएगा। सन्ना की घटना यह दर्शाती है कि हिंदू समाज अब जाग उठा है। उन्होनें कहा कि पूरा हिंदू समाज पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। जब तक सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती,तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
जोर पकड़ने लगा डाक्टर की गिरफ्तारी की मांग —
कार्यक्रम के दौरान पुलिस प्रशासन को सौपें गए ज्ञापन में पीड़ित बालक के पिता ने खतना कराने वाले चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की पुरजोर मांग की है। इस ज्ञापन में उन्होनें नाबालिग बच्चे के नाजुक अंग को पिता की सहमति के बिना चोट पहुंचाएं जाने पर नाराजगी जताते हुए,गिरफ्तारी की मांग की है।
जानिये पीड़ित पिता ने अपने ज्ञापन में क्या लिखा है-
उपरोक्त विषयान्तर्गत ज्ञात हो कि मेरे द्वारा दिनांक 10.01.2022 को थाना सन्ना में मेरे नाबालिक बच्चे सौरन सोनवानी उम्र 08 वर्ष का मेरी सहमती के बगैर ईस्लाम धर्म में धर्मान्तरण कराने की शिकायत की गई थी जिस पर थाना सन्ना में अपराध क्र . 07/22 धारा 295 क , 324 , 34 भा.द.वि. एवं धारा 3. 4 धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत 03 आरोपी रेशमा , रशिदन खातुन , हसिना खातुन के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है । चुंकि मैं घासी जाति होकर अनुसुचित जाति की श्रेणी में आता हूँ और हिन्दू धर्म का पालन करता हूँ यह जानते हुए आरोपीगण जो मुस्लिम धर्मावलम्बी हैं और यह जानते हुए कि यदि अनुसूचित जाति का व्यक्ति हिन्दू धर्म छोड़कर ईस्लाम धर्म अपनाता है तो उसके सभी संवैधानिक लाभ बंद कर दिये जाते हैं और ऐसा जानते हुए मुझे एवं मेरे बच्चों को संवैधानिक लाभ से वंचित करने तथा मुझे अनुसूचित जाति का जानते हुए मुझ पर अत्याचार करने की नियत से मेरे बच्चे का सुन्नत ( खतना ) किया गया है।जो अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का भी अपराध है किन्तु उक्त अपराध में इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गयी है जो किया जाना उचित होगा । उक्त अपराध में सिर्फ महिलाओं को आरोपी बनाया गया है जबकि उक्त अपराध में रेश्मा के भाई पिता एवं अन्य पुरुष सदस्य भी सलिप्त रहे हैं तथा बच्चे का खतना करने के पूर्व मौलवी के द्वारा इस्लामिक रश्म निभाई गयी है। किन्तु उनके विरूद्ध अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी है जिसके कारण भी मुझे एवं मेरे समाज के लोगों को आशंका है कि जान बूझकर उक्त आरोपियों को बचाने का प्रयास किया गया है। कारणवश उपरोक्त लोगों के विरुद्ध भी कार्यवाही किया जाना उचित होगा । और इस उक्त अपराध में बच्चे के नाजूक अंग पर चोट पहुंचाने के कारण धारा 324 मा ०० वि ० का अपराध दर्ज किया गया है। उक्त अपराध अंबिकापुर के चिकित्सक के द्वारा जाना प्रमाणित है संबंध में साक्ष्य भी मिले है कि आरोपियागण के द्वारा 3000 / -रु . देकर अम्बिकापुर के किसी फिरदौसी नामक डॉक्टर से उक्त चोट पहुंचवाया गया है। किन्तु उक्त डॉक्टर को प्रकरण में आज तक आरोपी नहीं बनाया गया है और न ही उसके विरुद्ध कोई कार्यवाही की गयी है। जिससे भी मुझे आशंका है कि पुलिस के द्वारा उक्त को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कारण उनके विरुद्ध भी उचित कार्यवाही किया जाना चाहिए। चूंकि प्रकरण का पीड़ित मेरा एक नाबालिक बच्चा है और उसके साथ इस प्रकार के जघन्य अपराध किया गया है। जो कि बाल अपराध का ( J.J.ACT ) का सीधा सीधा उल्लंघन है। कारणवश उक्त संबंध में भी पुलिस को जांच कर कार्यवाही की जानी चाहिए।