Jashpur
*देखिये वीडियो:-सिस्टम से परेशान हो कर गरीब, विधवा महिला ने चीखते चिल्लाते कहा नही करेंगे जीवन में कभी मतदान, महिला को चार सालों से किया जा रहा है परेशान, काहानी सुन कर आपकी भी कांप जायेगी रूह….यहां के प्रबंधक की लापरवाही से आठ दिनों से ठप कामकाज,लगभग तीस हजार किसान, मजदूर, ग्रामीण,व्यापारी, जनप्रतिनिधि सभी हैं त्रस्त,हो सकता है बड़ा आन्दोलन…पढिये पूरी खबर*
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3 years agoon
जशपुरनगर/सन्ना:-जशपुर जिले का सबसे सुदूर अंचल सन्ना क्षेत्र आये दिन मूलभूत सुविधाओं को लेकर काफी सुर्खियों में रहता है।इन दिनों भी यहां की सिस्टम को लेकर क्षेत्र वासियों में क्या मजदूर,क्या किसान,क्या ग्रामीण,क्या व्यापारी सभी में एक साथ त्राहिमाम त्राहिमाम देखने को मिल रहा है।कारण है सन्ना में एक मात्र बैंक है छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक जहां लगभग तीस हजार ग्रामीण मजदूर,किसान,व्यापारी आश्रित रहते हैं।बताया जाता है कि इस बैंक में ना तो सही तरीके से ग्राहकों से बात किया जाता है और ना ही सही तरीके से जानकारी दी जाती है, ना ही सही तरीके से ग्राहकों को कोई सुविधा दी जाती है।अब तो बैंक प्रबन्धक की लापरवाही और यहां की सिस्टम को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखने को मिलने लगा है।
आपको बता दें की बीते दिन जब हम ग्रामीण बैंक सन्ना के पास गये तो एक गरीब महिला रोती बिखती, चिल्लाती हुई बैंक से बाहर निकल रही थी।महिला से जब हमने बात करना चाहा तो महिला ने अपना नाम बुधनी बाई बताया जो कि 20 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच बसा डोभ गांव से बैंक आयी थी।महिला ने सीधा सीधा कहा वो अब कभी वोट नही देंगे।कारण पूछने पर महिला ने बताया कि उसके पति रामनाथ राम की लगभग चार वर्ष पूर्व ही मृत्यु हो गयी है।उसका पति रामनाथ का भी ग्रामीण बैंक सन्ना में बचत खाता क्रमांक 77031185198 खुला हुआ था।जिस खाते में लगभग 12 हजार रुपये मात्र मजदूरी की राशि बचत थी।जिस राशि को निकालने के लिए उस विधवा महिला को लगभग 4 सालों से परेशान किया जा रहा है।नए नए नियम बना कर महिला पर थोप दी जाती है।महिला ने बताया कि वह उस 12 हजार की राशि को निकालने के लिए अब तक लगभग 4 से 5 हजार रुपये खर्च कर कागजात तैयार चुकी है फिर भी महिला को अब तक राशि नही मिला है जिससे महिला नाराज हो कर सीधा जीवन मे अपने परिवार के साथ कभी भी मतदान ही नही करने का निर्णय ले चुकी है।महिला का आरोप है कि ग्रामीण बैंक प्रबंधक उसे जानबुझ कर परेशान कर रही है।महिला का कहना है कि उसने नेताओं के पास भी अपनी परेशानी को लेकर सैकड़ों बार गुहार लगा चुकी है पर कोई इसकी सुनने वाला नही है जिसके कारण मतदान नही करने का महिला ने मन बनाया है।
मामले में सन्ना तहसीलदार सुनील गुप्ता ने बताया कि इस मामले की शिकायत आवेदन मिली थी जिसके बाद बैंक प्रबन्धक को तत्काल प्रकरण निराकरण हेतु निर्देशित किया गया था।अगर अब तक निराकरण नही हुआ है तो मामले की उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जायेगा।
ग्रामीण बैंक सन्ना में दिनों अपनी लचर व्यवस्था यहां की सिस्टम को लेकर सुर्खियों में है।बताया जा रहा है कि ग्रामीण बैंक सन्ना में करीब आठ दिनों से लिंक फेल का बोर्ड टांग दिया गया है और पूरा कामकाज ठप है।जिससे ग्रामीण बैंक सन्ना में आश्रित लगभग तीस हजार ग्राहक जिसमें मेहनतकश गरीब मजदूर, छोटे-बड़े किसान, आदिवासी,ग्रामीण और व्यापारी,जनप्रतिनिधि सभी काफी परेशान हैं।सौ दो रुपये के लिए भी गरीबों को परेशान होते देखा जा रहा है।आपको बता दें कि ग्रामीण बैंक सन्ना की सिस्टम ऐसी है कि यहां ग्राहक छोटे छोटे कामों के लिए साल साल भर परेशान होते देखे जाते हैं।जिसमें सबसे अहम बात यह है कि गरीबी और अशिक्षा के कारण अधिकतर ग्राहकों के खाते में होल्ड और आधार लिंक नही होने की शिकायत है।परन्तु ग्रामीण बताते हैं कि उनके द्वारा खाते से होल्ड खुलवाने बार बार फार्म जमा करवाया जाता है।तो वहिं ग्रामीणों को आधार लिंक के लिए भी महीनों तक परेशान होते देखा जाता है।
बहरहाल ग्रामीण बैंक सन्ना के सिस्टम को लेकर पूरे क्षेत्र में धीरे धीरे काफी आक्रोश पनपना शुरू हो गया है। बैंक प्रबंधक पर इसी तरह ग्रामीणों के द्वारा कई गम्भीर आरोप लगाते देखे जा रहे हैं।एक गरीब अबली विधवा महिला के द्वारा मतदान का विरोध करना तो किसानों का परेशान होना कहीं इसका खामियाजा सरकार को न भुगतान पड़ जाये।