Jashpur
*Big breking jashpur:-सात लाख के नाली निर्माण चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट, निर्माण के 20 दिन में ही खुली घटिया निर्माण की पोल,15 वें निधि से DDC को मिला था 4 लाख तो मनरेगा से स्वीकृत 3 लाख,जिले के बगीचा विकाशखण्ड के इस पंचायत का कारनामा,..नये कलेक्टर से ग्रामीण करेंगे कार्यवाही की मांग..!*
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2 years agoon
जशपुरनगर:-जिले में नये कलेक्टर की पदस्थापना और लगातार हो रही कार्यवाही से भ्रष्टाचार लगातार सामने आने लगे हैं।ग्रामीणों को अब आस आने लगी है कि अनियमितता को उजागर करने पर उन पर जिला कलेक्टर जरूर कार्यवाही करेंगे।
ऐसा ही एक मामला जिले के बगीचा विकाशखण्ड के ग्राम पंचायत कुदमुरा में बनाये गये नाली निर्माण में भारी भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण सामने आया है।महज 20 दिन में ही बनाये गए नाली टूटकर गिर गए है.इसके साथ उनपर छड़ का उपयोग भी नही किया गया है.नाली धंसने के साथ ही बेस भी उखड़ चुकी है। यह नाली निर्माण ग्राम पंचायत कुदमुरा के मुख्य मार्ग से नदी की ओर जाने वाली मार्ग में बनाया गया है ।
मामले को लेकर आरईएस विभाग के एसडीओ मनोज कुमार कुजूर ने जल्द ही जांच कर कार्यवाही करने की बात कही हैं।
जबकि निर्माण करने वाले ग्राम पंचायत कुदमुरा के उपसरपंच कुंवर यादव ने स्वीकार करते हुये कहा है कि थोड़ा सा कहीं टूट गया होगा जिसको सुधार कर दूंगा।
बिडंबना है कि जिले भर में निर्माण कार्य को लेकर लगातार अनियमिताएं सामने आने के बाद भी सम्बंधित विभाग के अधिकारी सबक नही ले रहें है।
जिसके कारण पंचायत क्षेत्रों में होने वाले निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है।
यह प्रमुख कारण प्रशासनिक अधिकारियों के कसावट नही करने के कारण हो रहीं हैं।
ग्राम विकास के नाम पर शासन ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के योजनाओं के माध्यम से संचालन कर रही है।
उसके बावजूद इन योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।
अब अंदाज लगाया जा सकता है कि ग्राम पंचायत कुदमुरा में बनाये गये नाली निर्माण जो 20 दिवस के अंदर ही टूटकर गिर गये है.इसके साथ ही बिना छड़ लगाये बनाया गया है.महज 20 दिन में नाली के बेस उखड़ गये हैं।
सवाल उठता है कि संबंधित विभाग के इंजीनियर और एसडीओ ने इतने घटिया निर्माण कार्य को होने दिया.इससे साफ है कि वे निर्माणाधीन स्थलों पर सतत निरीक्षण नही करते हैं।
बरहाल ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से शिकायत करने की बात कहीं है.अब जिला कलेक्टर मामले को संज्ञान में लेते है.या ग्रामीणों के शिकायत का इंतजार रहेगा.यह तो आने वाला वक्त बतायेगा.
पर इतना जरूर है कि शासन प्रसाशन के रुपयों का जमकर बंदरबाट किया गया हैं. जो साफ झलक रहा है।