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*गड़बड़ी:-कर्मचारियों से बैंक में ही भिड़ गई महिला.. स्कॉलरशिप की राशि देने में 10वीं की छात्रा को एक सप्ताह से टाल रहा था बैंक प्रबंधन,लापरवाही से पनप रहा आक्रोश,कभी भी हो सकता फिर बड़ा आंदोलन…देखिए वीडियो*
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3 years agoon
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Rakesh Guptaजशपुर, सन्ना(राकेश गुप्ता):- बड़ी खबर जशपुर जिले के सबसे सुदूर अंचल सन्ना तहसील मुख्यालय से आ रही है।जहां लगभग 30 हजार संख्या की ग्राहकों वाला एक मात्र ग्रामीण बैंक मौजूद है।जो आए दिन अपनी लापरवाही को लेकर सुर्खियों में रहता है।परन्तु इस बार बात सर से ऊपर तब चली गयी, जब 10 वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा को स्कॉलरशिप देने बैंक एक सप्ताह तक टाल-मटोल करता रहा। बच्ची को हर रोज सुबह से शाम तक बैंक में बैठा कर ओपनिंग सीट ढूंढने कहा जाता रहा। परन्तु एक सप्ताह के बाद बिना ओपनिंगशीट मिले ही बच्ची को स्कॉलरशिप की राशि दे दिया गया। फिर क्या था, वहां बच्ची के परिजन पहुंचे और बैंक प्रबंधक पर गुस्सा निकालना शुरू कर दिया। उन्होंने बैंक प्रबंधक को काफी खरी-खोटी भी सुनाई। महिला को बैंक कर्मचारियों को खरी-खोटी सुनाते हुए देखा तो हमने ग्राउंड जीरो न्यूज के माध्यम से महिला से जानकारी मांगी। महिला ने बताया कि वह सन्ना निवासी मीना वर्मा हैं। उनकी एक बच्ची को एक सप्ताह से स्कॉलरशिप की राशि देने के लिए हर रोज बैंक कर्मचारी टाल-मटोल कर रहे थे।बच्ची को सुबह से शाम तक बैठा कर कुछ कागज ढूंढ़वाते थे।मीना वर्मा ने ग्रामीण बैंक प्रबंधक पर और भी कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि बैंक कर्मचारी महिलाओं और ग्राहकों के साथ आये दिन अपशब्द और बदतमीजी से बात करते हैं।
जब हमने दसवीं कक्षा की स्कूली बच्ची से इस बारे में बात की तो बच्ची ने भी यही कहा कि वह एक सप्ताह से स्कॉलरशिप की राशि निकालने ग्रामीण बैंक आ रही थी। परन्तु बैंक कर्मचारी उसे राशि नहीं दे रहे थे।बच्ची ने आगे बताया कि उससे किसी फाइल में फार्म ढूंढने हमेशा कहा जाता था और सुबह से शाम तक बैठने पर भी काम नहीं होता था। उसे कभी आधार लिंक नहीं है कहा जाता, तो कभी हस्ताक्षर नहीं मिल रहा है कह कर टाल दिया जा रहा था।
हमे खबर बनाते देख वहां मौजूद सैकड़ों ग्राहकों के अलावा स्कूली बच्चे, जनप्रतिनिधि,व्यापारियों ने भी ग्रामीण बैंक सन्ना के कर्मचारियों पर कई गम्भीर आरोप लगाना शुरू कर दिया।जिसे सुन कर आप भी ताज्जुब करेंगे कि आखिर कोई बैंक अपने ही ग्राहकों को इस तरह कैसे परेशान कर सकता है?
वहां मौजूद धौरापाठ गांव और मरंगीपाठ गांव की बच्चियों ने भी बताया कि वे भी स्कॉलरशिप की राशि को निकालने के लिए ग्रामीण बैंक सन्ना में तीन दिनों से आ रहीं हैं, पर उनका खाता में होल्ड लगा हुआ है। जिसे ग्रामीण बैंक के कर्मचारी नहीं खोल रहे हैं। जिससे वे काफी परेशान हैं।
वहीं ग्रामीण बैंक में मौजूद एक मजदूर महिला ने भी बताया कि वह भी मनरेगा में मजदूरी किये हुए राशि को खाते से निकालने के लिए बहुत परेशान है। बैंक के चक्कर लगाने के बाद भी उसे रुपए नहीं दिया जा रहा है।
आपको यह भी बता दें कि जशपुर जिले के सन्ना में एक मात्र ग्रामीण बैंक मौजूद है।जहां लगभग 30 हजार ग्राहकों का खाता खुला हुआ है। आये दिन बैंक प्रबंधक की लापरवाही के कारण ग्राहक ऐसे ही परेशान होते देखे जाते हैं।जहां हजारों ग्राहकों का खाता में होल्ड की शिकायत है। जिन्हें एक एक माह तक बैंक प्रबंधक के द्वारा दौड़ाने के बाद भी समस्या का हल नहीं होता है। वहीं ग्रामीण बैंक सन्ना में हजारों ग्राहकों का आधार लिंक भी नही हुआ है। एक-एक ग्राहकों को दर्जनों बार आधार लिंक के नाम पर आधार की छाया प्रति मांगी जाती है।वहीं बड़ी बात ग्रामीण बैंक सन्ना में यह देखने को मिलती है कि यहाँ ग्राहकों से उचित व्यवहार भी नहीं किया जाता है।कारण यह है की सन्ना पाठ क्षेत्र में जागरूकता की कमी है और ग्राहकों को समझाने में बैंक प्रबंधक लापरवाह है।वहीं इसी बैंक में यह भी बताया जाता है कि बैंक प्रबंधक 20 हजार से नीचे राशि का लेनदेन करने वाले ग्राहकों को क्योस्क शाखा में भेजा करते हैं।वहीं क्योस्क शाखा में राशि तब निकाली जाती है जब उनका आधार लिंक होता है।परन्तु यहां हजारों ग्राहकों का आधार लिंक नही है।जिसके कारण सन्ना क्षेत्र के किसान,मजदूर,स्कूली बच्चे,व्यापारी के साथ साथ सरपंच सचिव जैसे जनप्रतिनिधि भी काफी परेशान दिखते हैं।आपको यह भी बता दें कि सन्ना में ग्रामीण बैंक प्रबंधक की लापरवाही के कारण कई बार आंदोलन रैली,धरना प्रदर्शन हो चुका है, फिर भी शासन-प्रशासन का इस ओर ध्यान न देना कई सवाल खड़े करता है। कहीं यह पुनः बड़ा और उग्र आंदोलन की ओर इशारा तो नही है..? बहरहाल जो भी हो पर ग्राहकों में ग्रामीण बैंक सन्ना के प्रति आक्रोश अब बढ़ने लगा है।