Jashpur
*बिजली की आपूर्ति ठप, ग्रामीणों में भारी आक्रोश, नागलोग में इस तरह से लोग बिजली की आंख मिचौली से हैं परेशान, सुध लेने वाला कोई नहीं……………*
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2 years agoon
सिंगीबहार :- ( मुकेश नायक) नागलोक क्षेत्र में दिन – रात घंटों बिजली गुल रहने से इन दिनों ग्रामवासियों की नींद हराम हो गई है। इससे गांव की चरमराई विद्युत व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। लोगों की यह भी शिकायत है कि विद्युत विभाग में कर्मचारी फोन को इंगेज रखते हैं इसलिए कभी भी ऑफिस में फोन नही लगता। गाहे बगाहे फोन लग भी जाए तो बिजली विभाग के कर्मचारी संतोषजनक उत्तर देने की बजाय जल्द बिजली आएगी कहकर फोन काट देते हैं। विभाग के लचर व्यवस्था से लोगों को सही तरीके से बिजली आपूर्ति नहीं की जा रही है। नागलोक फरसाबहार क्षेत्र के सिंगीबहार ,केरसई ,लठबोरा ,जबला कोहपानी,अबीरा,रापाडाँड़ ,घांसीमुंडा, सहित दर्जनों ग्राम विद्युत समस्या की आंखमिचौली का दंश झेल रही है विभाग के इस अव्यवस्था से जहां आमजन परेशान है वहीं व्यवसायी भी नाराज है। बारिश का मौसम होने से यह परेशानी और भी ज्यादा भयावह होने लगी है। बारिश के मौसम में क्षेत्र में जहरीले जीव जंतुओं का खतरा बना रहता है जो की लाइट न होने से और गंभीर हो जाता है। बिजली की इस आंख मिचौली से रोजमर्रा की जिंदगी पटरी से उतरने लगी है। लेकिन लगता नहीं बिजली विभाग इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने को लेकर प्रशासन गंभीर है।
◆ कौन सुनेगा-किसको सुनाएं….
नागलोक में ग्राम पंचायतों की बिजली व्यवस्था लम्बे समय से काम चलाऊ हिसाब में चलती रही है। चाहे झूलते तारों की बात हो या जर्जर ट्रांसफार्मरों की इन विषयों पर कभी विभाग संजीदा नजर नहीं आता। सुधार के नाम पर काम चलाऊ मरम्मत की परंपरा के चलते अब लंबे समय तक लाइट का चले जाना बड़ी समस्या बनने लगी है। मुश्किल यह है कि कर्मचारी और अधिकारी बिजली की अव्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं हैं। ऐसे में लोग यही कह रहे है कि कौन सुनेगा, किसको सुनाएं वाली कहावत चरितार्थ होती है। इस संबद्ध में नवपदस्थ जेई फरसाबहार से बात करने के लिए संपर्क किया तो फोन बन्द आया । विद्युत के लचर व्यवस्था से ब्लाक के 58 पंचायतों में नलजल योजना को भी प्रभाव पड़ता है बिजली के न होने से पानी टँकी में भर नही पाता है । जिससे ग्रामीणों को प्याऊ जल के लिए भी भटकते नजर आते हैं । साथ ही किसान सहित व्यापारी भी इलेक्ट्रॉनिक से चलने वाले उपकरणो का उपयोग नही कर सकते हैं । जिसका सीधे जिम्मा विद्युत विभाग को जाता है ।