Chhattisgarh
*विकासखंड के आठ प्रशिक्षण केंद्र में एफ एल एन प्रशिक्षण हुआ संपन्न, बच्चों को आधारभूत साक्षरता का ज्ञान कराना शिक्षकों को दी गई कई महत्वपूर्ण जानकारी…*
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1 year agoon
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Rakesh Guptaकांसाबेल।राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर के निर्देशानुसार विकासखंड कांसाबेल के आठ प्रशिक्षण केन्दों में तीन- तीन दिवस का दो चरणों में एफ.एल.एन. प्रशिक्षण संपन्न हुआ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य के अनुरूप निपुण भारत के उद्देश्य “निपुण भारत का सपना” ” सब बच्चे समझें भाषा और गणना” के उद्देश्य को लेकर यह प्रशिक्षण विकासखंड के सभी प्राथमिक कक्षाओं में अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षकों के लिए 24 संकुल को 8 केन्द्र बनाकर सभी प्रशिक्षण केन्द्रों में तीन-तीन संकुलों के शिक्षकों को दो चरणों में यह प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें तीन संकुल को मिलाकर एक जोन बनाकर उस केन्द्र में एक संकुल समन्वयक एवं एक मास्टर ट्रेनर के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया ।प्रशिक्षण का उद्देश्य निपुण भारत के लक्ष्य जिसमें 2026 -27 तक कक्षा 3 तक के सभी बच्चों को आधारभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान कराना है और इसके लिए इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया जिससे वे शिक्षक अपने विद्यालय के बच्चों को उस लक्ष्य को प्राप्त करवा सकें इसके तहत प्राथमिक शिक्षकों को एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा आयोजित निष्ठा कोर्स जिसमें 12 माड्यूल पर समझ हेतु दीक्षा एप्लिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन कोर्स भी कराया गया। इस प्रशिक्षण में मिशन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर द्वारा उपचारात्मक शिक्षण हेतु नवाचार “नवा जतन” के अवधारणा को सभी शिक्षकों को बताया गया.।इसके तहत*क्या सीखना है* के स्थान पर* सीखते कैसे हैं* को समझना आवश्यक है। इसके तहत “नवा जतन “में अंतर्राष्ट्रीय स्कूल महाराष्ट्र (पुणे )के बावलेबाड़ी विद्यालय के कांसेप्ट को शामिल किया गया है जिसमें अध्यापन के 7 प्रभावी तरीके बताए गए हैं (1)स्वयं से सीखने के लिए प्रेरित करना।(2)स्वयं से और अधिक सीखने के लिए चुनौती देना ।(3)पियर लर्निंग, ग्रुप लर्निंग, विषय मित्र बनाना।(4)छात्रों की जिज्ञाषा का सम्मान करना।(5) सीखने की प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।(6)सेल्फी विथ सेक्सेस का तरीका अपनाना ।(7)शिक्षक द्वारा प्रतिदिन अनुभव लेखन । इन तरीकों से अध्यापन कराने से बच्चों में 21वीं सदी के चुनौती से जूझने की क्षमता विकसित हो पाएगी।क्योंकि वर्तमान युग टेक्नोलॉजी का है इसलिए अधिक से अधिक सीखने- सीखाने का कार्य टेक्नोलॉजी के माध्यम से होने पर बेहतर होगा । सभी शिक्षक एवं संकुल समन्वयक इस कार्य में भरपूर सहयोग करते हुए लक्ष्य को शत प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य लिए हैं ।इस प्रशिक्षण कार्य में विकासखंड शिक्षा अधिकारी कांसाबेल श्री संजीव कुमार सिंह, विकासखंड स्त्रोत समन्वयक श्री राजेन्द्र चौहान के मार्गदर्शन एवं एफ.एल.एन.(मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान ) के जिला स्रोत व्यक्ति श्री कमल चंदेल , श्री गणेश चौहान सभी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ ।