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Jashpur

*Impact of news:- ग्राउंड जीरो ई न्यूज के खबर का हुआ असर, छात्रावास में नहीं मिलता था,संतुलित आहार,ज्यादातर बच्चें मिले एनीमिया से ग्रसित,लगाया गया मेडिकल कैंप,आज भी मिले 26 बच्चे बीमार,संतुलित आहार पर अधीक्षक और मंडल संयोजक का डाका,बीमार होकर घर भागे 33 बच्चों का अभी तक नहीं लिया गया सुध,सहायक आयुक्त ने कहा,घोर लापरवाही बरतने वाले अधीक्षक व मंडल संयोजक पर कार्यवाही निश्चित..!*

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【कोतबा से सजन बंजारा, मयंक शर्मा,नारायण साहू की ग्राउण्ड रिपोर्ट का बड़ा असर】

कोतबा,जशपुरनगर :- ग्राउंड ज़ीरो ई न्यूज़ की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है।बच्चों को ईलाज कराने के बजाय,भेज रहे घर,आजाक विभाग की बड़ी लापरवाही,उजागर….. के शीषर्क से सबसे पहले खबर प्रकाशित किया गया था खबर को संज्ञान में लेकर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कैम्प छात्रवास परिसर में लगा कर सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया है। हालांकि अभी भी हॉस्टल से बीमार हो कर घर भागे बच्चों की सुध किसी ने नही ली है

प्री मैटिक बालक छात्रावास में 33 बच्चों के बीमार होने और उनके सेहत से खिलवाड़ करने वाले मंडल संयोजक संजय चंद्रा और हॉस्टल अधीक्षक श्रीराम साहू के अनदेखी व घोर लापरवाही मामले की खबर प्रकाशन होने के बाद आज रविवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक डॉ अजित कुमार बंदे और महिला डॉक्टरों की टीम छात्रावास पहुँची डॉक्टर अजित कुमार बंदे ने बताया कि बालक छात्रावास में 56 बालक उपस्थित थे.जिसमें 15 बालकों को अब भी सर्दी,खांसी और बुखार की शिकायत मिली.वहीं दो बालकों के आंखों में देखने मे परेशानी मिली इसके साथ ही लगभग 9 बालकों को एनीमिया की शिकायत मिली.उन्होंने बताया कि एनीमिया बालकों को तब होता है.जब उनके पूरक पोषण आहार संतुलित मात्रा में उपलब्ध नही होता.
मतलब साफ समझा जा सकता है.कि हॉस्टल अधीक्षक और प्रभारी मंडल संयोजक के द्वारा बच्चों के सेहत से किस तरह खिलवाड़ कर उन्हें मौत के मुंह मे धकेला जा रहा था।
डॉ श्री बंदे ने बताया कि इसी तरह बालिका छात्रावास में भी स्वास्थ्य परीक्षण किया गया.जिसमें 40 बालिका मौजूद रही.वहां 10 बालिकाओं को सर्दी,खांसी,बुखार पाया गया.जबकि दो बालिकाओं के आँखों में देखने मे समस्या देखी गई.सात बालिकाओं में मासिक पीरियड की समस्या थी.शेष बालिका स्वस्थ थी.उन्होंने बताया कि लगभग 40 बालक बालिकाओं के एंटीजेन रिपोर्ट लिया गया जिन्हें सर्दी, खासी,बुखार था.किसी का रिपोर्ट पॉजिटिव नही आया.लेकिन 30 लोगों का आरटीपीसीआर रिपोर्ट लिया गया है।
जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जा सकता है।
वीडित हो कि मामले को लेकर स्थानीय मीडिया ने कल छात्रावास जाकर जानकारी ली थी.जिस पर एक ही क्लॉस कक्षा 9 वी में 43 बच्चों में 33 बच्चें बीमार से ग्रसित होकर अपने घर लौट गये थे.
मीडिया ने आशंका जाहिर करते हुये बताया था कि जब एक क्लॉस की यह स्थिति है.तो अन्य क्लॉस के बच्चों का हाल क्या होगा.आखिरकार डॉक्टरों की टीम ने जांच की तो बालकों में 15 लोग सर्दी,खांसी, बुखार,से ग्रसित मिले, जबकि 9 लोग एनीमिया के शिकार मिले और दो बालकों के आखों में देखने मे परेशानी मिली.इसी तरह बालिकाओ में भी 10 बालिका सर्दी,खांसी, बुखार के मिले वहीं दो बालिकाओं के आंखों में रोशनी की समस्या मिली।
विदित हो कि पत्थलगांव के छात्रावासों में बच्चों को गुणवत्ता युक्त भोजन नही परोसने और उनके सेहत से खिलावाड़ कर उनके जान की परवाह किये बैगर उन्हें मौत के मुंह में धकेलने का यह पहला मामला सामने आया है.जिसमें प्रभारी मंडल संयोजक संजय चंद्रा,हॉस्टल अधीक्षक श्रीराम साहू की घोर लापरवाही सामने आई है.जिनके देखरेख के बैगर इतने बच्चे एक साथ बीमार होने के बाद भी अपने उच्च अधिकारियों सहित स्थानीय स्वस्थ्य टीम को नही बताया गया और ना ही समुचित उपचार करवाया गया.बल्कि उन्हें स्वस्थ होने का हवाला देकर अपने घर भेज दिया गया.अब इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने दायित्वों का निर्वहन कितनी ईमानदारी से करते होंगे जो बच्चों के जान की बाजी लगाकर अपना कालाबाजारी में मस्त है।

0. अधीक्षक बने डॉक्टर बच्चों को दी दवाई
पूछताछ के दौरान बालकों ने बताया कि जब उन्हें किसी प्रकार की समस्या होती है.तब वे इसकी जानकारी अधीक्षक को देते है.फिर वह डॉक्टर बनकर दवाइयां देते है.इससे ठीक नही होने पर अस्पताल जाकर ईलाज कराने की सलाह देने के बाद भी ठीक नही होने पर घर जाने को कहा जाता है.जिसके कारण एक ही क्लॉस के 33 बच्चें बीमार होकर घर लौट गये।

0. हॉस्टल में नहीं मिलता था संतुलित आहार बच्चे हुए एनीमिया के शिकार
डॉक्टर अजित कुमार बंदे ने बताया कि कोतबा के हॉस्टल के बच्चो के स्वास्थ्य परीक्षण करने पर बहुत से बच्चे एनीमिया से ग्रषित पाए गए है। जिसका प्रमुख कारण हॉस्टल में संतुलित आहार का न मिलना हो सकता है। शरीर में आयरन की कमी एनीमिया की सबसे बड़ी वजह है।अगर बच्चों के भोजन में कैल्शियम अधिक होता है, तो यह भी एनीमिया की वजह हो सकती है।भोजन में हरी सब्जियां ना होना संतुलित आहार व मौषमी फल सब्जी का आहार में शामिल न होना,शरीर से अधिक ब्लड बहने से व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो जाता है। लौह तत्व वाली चीजों का सेवन न करना। पेट के कीड़ों और परजीवियों के कारण खून का दस्त होना शामिल है वही एनीमिया का सबसे बड़ा कारण शरीर में आयरन की कमी होना होता है। जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स धीरे धीरे खत्म होने लगते है और, बॉडी को जरूरत के अनुसार डाइट नहीं मिलती तो इससे खून की कमी होने लगती है। इसके साथ ज्यादातर ये दिक्क्त किशोरावस्था में होती है।कई प्रकार के एनीमिया को रोका नहीं जा सकता है। लेकिन आप आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया और विटामिन की कमी से होने वाले एनीमिया से बचने के लिए ऐसे आहार का सेवन कर सकते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल्स शामिल हों।

वर्शन
बी.के.राजपूत सहायक आयुक्त
आदिम जाति कल्याण विभाग जशपुरनगर ने बताया कि वाकई में मंडल संयोजक और हॉस्टल अधीक्षक के द्वारा अपने जिम्मेदारी से मुंह फेरा गया है.इनके द्वारा बरती गई घोर लापरवाही की कार्यवाही सुनिचित है.एनीमिया की बीमारियों से ग्रसित बालकों को उचित उपचार किया जायेगा. मंडल संयोजक और हॉस्टल अधीक्षक के द्वारा किसी को सूचना नहीं देना गलत है.बच्चों के सेहत से खिलवाड़ किये जाने वालों पर निश्चित कार्यवाही की जाएगी.इनकी प्रतिवेदन रिपोर्ट आने के बाद ही कार्यवाही की जाएगी।

ये था मामला

*big breaking jashpur :- बच्चों को ईलाज कराने के बजाय,भेज रहे घर,आजाक विभाग की बड़ी लापरवाही,उजागर..एक ही क्लॉस के 33 बच्चें बीमार हालत में भागे घर,मंडल संयोजक,व हॉस्टल अधीक्षक की निगरानी सवालों के घेरे में, सहायक आयुक्त ने कहा..उच्च अधिकारियों को नही दी जानकारी..होगी बड़ी कार्यवाही…..देखिए वीडियो* https://groundzeroenews.co.in/big-breaking-jashpur-instead-of-treating-the-children-sending-home-great-negligence-of-the-department-exposed-33-children-of-the-same-class-ran-away-in-ill-condition-the-monitoring-of-the-d/

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